अल्मोड़ा में दिनोदिन बढ़ता जा रहा है कुत्तों और बंदरों का आतंक, लोगो का किया जीना मुहाल

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अल्मोड़ा।नगर में कुत्ते और बंदरों के हमलों से लोग परेशान हैं। राह चलते लोगों पर कुत्ते और बंदर हमला कर रहे हैं।तीन महीने 340 लोग इनके हमले से घायल हो चुके हैं। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार इस बीच रैबीज की वैक्सीन लगाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। कुत्तों के हमले में घायल लोगों की संख्या 303 और बंदरों के हमले में घायल लोगों की संख्या 37 दर्ज की गई है। मार्च में ही इन जानवरों ने हमला कर सबसे अधिक 130 लोगों को घायल किया है।

कुत्तों, बंदरों के बधियाकरण के लिए नहीं हैं डॉक्टर

नगर में लावारिस कुत्तों और बंदरों की आबादी लगातार बढ़ रही है। हर गली-मोहल्लों में कुत्ते तो हर घर की छत, बिजली के खंभों और पेड़ों पर बंदरों की मौजूदगी दिखती है। समय के साथ इनकी हिंसक प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। इससे निपटने के किसी के पास उपाय नहीं है। इनके बधियाकरण की योजना तो बनाई जाती है लेकिन इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से यह योजना परवान नहीं चढ़ पा रही।

पर्याप्त भोजन न मिलने से हो रहे हैं हिंसक

अल्मोड़ा। विशेषज्ञों के मुताबिक कुत्तों और बंदरों के हिंसक होने के पीछे उन्हें पर्याप्त भोजन न मिलना है। पूर्व में पालिका क्षेत्र अंतर्गत जगह-जगह बिखरे कूड़े में इन जानवरों को कुछ खाना मिलता था। सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने के साथ नगर में भूमिगत कूड़ेदान स्थापित हो गए हैं। ऐसे में इन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा और ये हिंसक हो रहे हैं।

कुत्तों और बंदरों के हमले में जिला अस्पताल पहुंचे लोगों की संख्या

माह कुत्तों के हमले में घायल बंदरों के हमले में घायल

जनवरी 96 05

फरवरी 89 20

मार्च 118 12

 जिला अस्पताल प्रभारी डॉ. कुसुमलता ने कहा कोट-इस बीच कुत्तों, बंदरों के हमले की घटनाएं बढ़ी हैं। जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन पर्याप्त है। विभाग तत्परता से पीड़ितों का उपचार कर रहा है।

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