बागेश्वर में सरकारी अधिकारियों द्वारा विकास योजना के रुपयों के घोटाले पर हाईकोर्ट दिए ये आदेश

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उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर (Bageshwar) में सरकारी अधिकारियों द्वारा विकास योजना के रुपयों का घोटाला करने से नाराज होकर सचिव ग्राम्य विकास को उचित कार्यवाही करने को कहा है. सचिव को कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा गया है. कोर्ट ने ग्राम प्रधान को भी नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होनी तय हुई है. हाईकोर्ट में बागेश्वर निवासी 78 वर्षीय नारायण सिंह नयाल ने राज्य सरकार के खिलाफ वर्ष 2020 में जनहित याचिका दायर की थी.

 

 

समाजसेवी याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से कहा था कि बागेश्वर के नौघर गांव में सरकारी कर्मचारियों ने सरकारी धन का घोटाला किया है. इससे पहले 16 अगस्त 2022 को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने खंड शिक्षा अधिकारी के जवाबी एफिडेविट में कोर्ट को गुमराह करने पर कपटपूर्ण मानते हुए दस हजार रुपये का दंड लगाया था और विस्तृत एफिडेविट फाइल करने को कहा था. इस मामले में बीती 7 सितंबर को जवाब दाखिल किया गया जिसमें अवगत कराया गया कि जिम्मेदार अधिकारियों पर पेनल्टी लगा दी गई है.

 

 

 

 

याचिकाकर्ता के वकील महेंद्र सिंह रावत ने खंड विकास अधिकारी के जवाब पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उक्त रिकवरी कर्मचारियों द्वारा सरकार को पहुंचाए धन वसूली के संबंध में है, जबकि उनके द्वारा गबन, सेवा काल के दौरान किया गया है, जिसके संबंध में कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही आज तक नहीं की गई है.

 

 

 

 

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सचिव ग्राम्य विकास को उचित कार्यवाही करने को कहा है. सचिव को कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा गया है. कोर्ट के द्वारा ग्राम प्रधान को भी नोटिस जारी किया गया है. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी.

 

 

 

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