Almora रानोखेत ब्रेकिंग उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के दलित नेता जगदीश चंद्र की हत्या, हत्यारा निकला सौतेला ससुर,व बेटा, दोनों गिरफ्तार,
Almora रानोखेत ब्रेकिंग
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी नेता जगदीश चंद्र की हत्या, हत्यारा निकला सौतेला ससुर , बेटा, दोनों गिरफ्तार, मृतक जगदीश चंद्र दो बार चुनाव लड़ चुके हैं सल्ट विधानसभा से ।
शर्मनाक: सरकार की लापरवाहियों ने ली दलित नेता की जान साथियों, गत दो विधानसभा चुनावों में अल्मोड़ा की सल्ट विधानसभा क्षेत्र से उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी से प्रत्याशी रहे जगदीश चन्द्र की जातिवादी दबंगों ने आज हत्या कर दी।
सामाजिक, राजनीतिक क्षेत्र में तेजी से उभर रहे पनुवाद्योखन गांव के जगदीश चन्द्र आज हेलंग की घटना के ख़िलाफ़ “नैनीताल चलो” कार्यक्रम में भागीदारी की तैयारी में थे।
जगदीश को सौतेले बाप व सौतेले जुल्मी भाई के अत्याचारों के चलते गीता (गुड्डी) से सहानुभूति हो गई थी और वह पिछले कुछ महीनों में दो बार घर से भाग कर उसके पास आ गई थी।
21 अगस्त को इन दोनों ने अल्मोड़ा के एक मंदिर में ब्याह रचा लिया था। शादी के रजिस्ट्रेशन की तैयारियां भी चल रही थीं।
इस प्रेमी युगल को तब से लड़की के सौतेले बाप भाई व उनके गिरोह के लोगों से धमकियां मिल रही थीं। वे उसे ढूंढ रहे थे। जिसके कारण इन लोगों ने 27 अगस्त को अल्मोड़ा की जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अपनी जान माल की सुरक्षा को लेकर प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
जगदीश चन्द्र को इन दबंगों ने सुनियोजित रूप से आज भिकियासैंण में पकड़ लिया। उनके अपहरण की सूचना पर उपपा ने डीएम एसडीएम को उनको तत्काल ढूंढने की बात तो की तो भिकियासैंण में ही एक गाड़ी उसके सौतेले बाप, भाई व मां के साथ जगदीश चन्द्र का शव बरामद हो गया। ये दबंग आज ही भिकियासैंण से अधिवक्ता व उपपा नेता नारायण राम के घर जगदीश की पत्नी को ढूंढने शायद हत्या करने के इरादे से आया था। जिसकी एफआईआर अल्मोड़ा कोतवाली में दर्ज की गई है।
सूचना मिलने पर उपपा की कोशिश से राजस्व व नियमित पुलिस हरकत में आई जिसके चलते हत्यारे व दबंगों को शायद लाश को ठिकाने लगाने का वक़्त नहीं मिला।
यह घटना उत्तराखंड व देश को शर्मसार करने वाली करने वाली है। हमारे साथी जगदीश की इस निर्मम हत्या के सभी आरोपियों को व उन्हें उकसाने वालों की तत्काल गिरफ्तारी हो। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच हो लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्यवाही की जाए।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जगदीश के परिवार को संरक्षण व एक करोड़ रुपए का मुआवजा दें। यह घटना बताती है कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। उपपा अपने साथी जगदीश को न्याय दिलाने व हत्यारों व दोषियों को दण्डित करने तक संघर्षरत रहेगी।
उत्तराखंड में अपर कास्ट वर्चस्व को किसका संरक्षण है?
आज सुबह-सुबह उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की फेसबुक पोस्ट से पता चला कि भिकियासैंण, अल्मोड़ा में एक होनहार दलित नौजवान और नेता की अंतर्जातीय विवाह करने की वजह से हत्या कर दी गई है. हत्या आरोपियों ने लड़के और लड़की को तलाशने के लिए एडवोकेट नारायण राम के घर में भी घुसपैठ की थी.
दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके दलित नेता जगदीश चंद्र की जब इस तरह हत्या हो सकती है तो ग़रीब दलित की राज्य में क्या स्थिति होगी, इसकी आसानी से कल्पना की जा सकती है. सवाल ये भी है कि पुलिस ने पहले से सूचना होने के बाद इस मामले में जगदीश चंद्र को सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया करवाई?
ये उत्तराखंड ही है जहां साथ में खाना खा लेने, पन्नचक्की में आटा छू लेने, अपनी पसंद की पार्टी का प्रचार करने जैसी साधारण घटनाओं को लेकर हाल-फिलहाल अपर कास्ट के गुंडों ने दलितों की हत्याएं की हैं. एक दलित पत्रकार को ऐसे मुद्दों को उठाने पर महीनाभर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया.
क्या हम एक समाज के तौर पर जातिवादी वर्चस्व पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार हैं?
उत्तराखंड में जातिवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं, जगदीश चंद्र की हत्या उसका ताज़ा रिमाइंडर है.