लेखक प्रोफेसर अजय सिंह रावत पर अपनी पुस्तक में थारू समाज के लिए अपमानजनक बातें लिखने पर मुकदमा दर्ज

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उत्तराखंड मुक्त विश्व विद्यालय के निदेशक व उत्तराखंड का संग्रह राजनैतिक इतिहास पुस्तक के लेखक प्रोफेसर अजय सिंह रावत पर अपनी पुस्तक में थारू समाज के लिए

 

 

 

अपमानजनक बातें लिखने पर खटीमा थारू राणा परिषद के अध्यक्ष दान सिंह राना की तहरीर पर एसटीएससी का मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की गई शुरू।
नैनीताल जनपद निवासी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर अजय सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड का समग्र राजनैतिक इतिहास पुस्तक लिखी गई है।

 

 

 

वहीं इस पुस्तक पर प्रोफेसर रावत के द्वारा थारू जनजाति समाज के लिए अशोभनीय शब्दो को कोड करने पर थारू जनजाति समाज के लोगो में खासा आक्रोश है। आपको बता दें कि बीते दिनों खटीमा के थारू राणा परिषद संगठन के बैनर तले थारू जनजाति समाज के लोगो ने खटीमा एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज पुस्तक पर बैन लगाने व लेखक के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।

 

 

 

 

जबकि इस मामले को लेकर खटीमा कोतवाली पुलिस को थारू राणा परिषद खटीमा के अध्यक्ष दान सिंह राना द्वारा तहरीर सौंपकर प्रो अजय रावत के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की मांग भी की गई थी। वहीं अब खटीमा कोतवाली पुलिस ने जहां इस प्रकरण में प्रोफेसर अजय सिंह रावत के खिलाफ 153 क /505,(2) आईपीसी व एसटीएससी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस अधीक्षक अपराध अभय कुमार सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है। वहीं थारू जनजाति के लेखक द्वारा पुस्तक में जाति सूचक शब्दो का प्रयोग करने वाले लेखक प्रोफेसर अजय सिंह रावत पर एसटीएससी के तहत मुकदमा दर्ज होने पर थारू समाज में खुशी का माहौल है।

 

 

 

वहीं खटीमा सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि प्रोफेसर अजय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक में थारू जनजाति समाज के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर थारू राणा परिषद के अध्यक्ष दान सिंह राणा द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया था जिस संबंध में अभियोग पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

 

 

 

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