Uttrakhand News:उत्तराखंड में दिसंबर से वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स,पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा कदम
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का फैसला किया है. यह नियम दिसंबर 2025 से लागू होगा.
अधिकारियों के अनुसार, यह कदम राज्य में स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है.
🌸पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा कदम
राज्य सरकार का मानना है कि तेजी से बढ़ते वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम जरूरी हैं. इसलिए, बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर यह ग्रीन टैक्स लागू किया जा रहा है. इस टैक्स से प्राप्त धनराशि का उपयोग पर्यावरण और सड़क स्वच्छता से जुड़े कार्यों में किया जाएगा.
🌸अलग-अलग वाहनों के लिए तय दरें
उत्तराखंड परिवहन विभाग ने विभिन्न श्रेणियों के वाहनों के लिए अलग-अलग दरें तय की हैं, जिसमें छोटे वाहनों के लिए ₹80, छोटे मालवाहक वाहनों के लिए ₹250, बसों के लिए ₹140 और ट्रकों के लिए ₹120 से ₹700 तक (उनते वजन के अनुसार) तय की गई है. यह टैक्स केवल उन वाहनों से वसूला जाएगा जो उत्तराखंड के बाहर पंजीकृत हैं और राज्य की सीमाओं में प्रवेश करेंगे.
🌸सीमा पर लगे ANPR कैमरे करेंगे निगरानी
परिवहन विभाग के अतिरिक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि बाहरी वाहनों की पहचान के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे राज्य की सीमाओं पर लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पहले से 16 कैमरे कार्यरत थे, जिनकी संख्या अब बढ़ाकर 37 कर दी गई है. ये कैमरे अपने आप वाहनों के नंबर स्कैन करके उनकी जानकारी दर्ज करेंगे.
राज्य सरकार ने ग्रीन टैक्स वसूली के लिए एक वेंडर कंपनी नियुक्त की है. कैमरों से प्राप्त डेटा को सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंपनी को भेजा जाएगा. यह सॉफ्टवेयर स्वचालित रूप से उत्तराखंड-रजिस्टर्ड, सरकारी और दोपहिया वाहनों की जानकारी अलग कर देगा. इसके बाद, संबंधित जानकारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटाबेस में भेजी जाएगी. वहां से वाहन मालिकों के वॉलेट नंबर खोजे जाएंगे, और निर्धारित ग्रीन टैक्स राशि अपने आप उनके खाते से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगी.
🌸आधुनिक तकनीक से होगी पारदर्शिता
उत्तराखंड सरकार का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी होगी. इससे मैनुअल टैक्स वसूली की आवश्यकता नहीं रहेगी और भ्रष्टाचार की संभावना भी खत्म होगी. साथ ही, इससे सीमाओं पर ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं में भी कमी आएगी क्योंकि वाहन मालिकों को टैक्स चुकाने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा. सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से राज्य में प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी और पर्यावरण संरक्षण को नया बल मिलेगा. यह पहल उत्तराखंड को “ग्रीन स्टेट” बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.