Uttrakhand News:यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने को लेकर धामी सरकार की प्रक्रिया हुई तेज, लागू करने के लिए जल्द ही नियमावली पर लगेगी मुहर
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने को लेकर धामी सरकार की और से प्रक्रिया तेज हो गई है। माना जा रहा है कि इसे लागू करने के लिए जल्द ही नियमावली पर मुहर लगेगी। गृह विभाग के नेतृत्व में इस नियमावली को अंतिम रूप देने की तैयारी की जा रही है।
इस बीच नियमावली के प्रारूप में बदलाव करने के साथ ही यूसीसी को लेकर जिला स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक के अधिकारियों और न्यायिक व्यवस्था से जुड़े लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जिससे भविष्य में इसे लागू करने में किसी तरह की परेशानी न हो।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए गठित कमेटी ने विगत 18 अक्टूबर को सरकार को नियमावली सौंप दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति बनाई गई है। इस समिति का पूरा फोकस यूसीसी लागू करने और इसके सभी पहलुओं से अधिकारियों को अवगत कराने की है।
बताया जा रहा है कि शासन द्वारा तैयार की जा रही नियमावली के प्रारूप में बदलाव किए जा रहे हैं। कई ऐसे प्रावधान पाए गए हैं, जो केंद्रीय कानूनों का दोहराव करते हैं। इन्हें हटाने और आवश्यक संशोधन करने पर मंथन जारी है।
क्रियान्वयन समिति की सदस्य सुरेखा डंगवाल ने इसको लेकर कहा कि इसके लिए एक ऐप भी तैयार किया जा चुका है, ऐप का लोग कैसे इस्तेमाल करेंगे उसके लिए अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए गठित कमेटी ने विगत 18 अक्टूबर को सरकार को नियमावली सौंप दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति बनाई गई है। इस समिति का पूरा फोकस यूसीसी लागू करने और इसके सभी पहलुओं से अधिकारियों को अवगत कराने की है।
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड विधानसभा से पारित हो चुका है। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है। कानून के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने फरवरी 2024 में पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। अक्टूबर में इस समिति ने अपनी रिपोर्ट और नियमावली का प्रारूप सरकार को सौंप दिया। प्रारूप की समीक्षा के बाद, समिति को भंग कर क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया, जिसमें अधिकांश वही सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने प्रारंभिक नियमावली तैयार की थी।