Uttrakhand News:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के विकास को मांगे 17 हजार करोड़,वित्त मंत्री सीतारमण से मिले CM धामी

उत्तराखंड के दस जिलों में जल निकासी, शहरी विकास व बिजली ट्रांसमिशन में सुधार के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार से 17,877 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर उक्त क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री को बताया कि जल निकासी सिस्टम में सुधार के लिए 8,589.47 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। बाह्य सहायतित परियोजनाओं को जल्द मंजूरी देने का अनुरोध करते हुए धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने इस सेक्टर में तीन अहम परियोजनाओं का प्रस्ताव बनाया है। 850 करोड़ रुपये की उन्नत सर्विस डिलीवरी के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना व 800 करोड़ की उत्तराखंड कुशल जलापूर्ति कार्यक्रम केंद्र के विचाराधीन है। इस योजनाओं को मंजूरी मिलते ही राज्य काम शुरू कर देगा।
मुख्यमंत्री ने मझौले शहरों के लिए 2000 करोड़ की जल एवं स्वच्छता नगरीय अवसंरचना विकास परियोजना, 434 करोड़ की डीआरआईपी-थ्री, 3638 करोड़ की क्लाइमेट रेसिलिएंट इंट्रा स्टेट पावर ट्रांसमिशन सिस्टम डेवलपमेंट व 1566 करोड़ रुपये की उत्तराखंड पावर डिस्ट्रीब्यूशन रिलायबिलिटी इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के लिए देने का आग्रह किया। केंद्रीय वित्तमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को हरसंभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया।
🌸निवेश के लिए उत्तराखंड आएं : धामी
राष्ट्रीय -अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में निवेश को आमंत्रित किया। सीएम ने गुरुवार को नई दिल्ली में पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र के दौरान यह आह्वान किया। धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी ‘इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट’बनाने के लिए अहम कदम उठाए जा रहे हैं। उद्योग, उद्यमियों और कार्मिकों की सुविधा के लिए नीतियां सरल करते हुए व्यवस्था को ठोस और पारदर्शी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में विकास की रफ्तार तेज हुई है। साथ ही प्रधानमंत्री के निर्देशन में हमारी सरकार ने राज्य में निवेशक केंद्रित नीतियों, बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति व सुशासन से स्वस्थ निवेश वातावरण बनाया है। उद्योगों की लाइसेंस प्रक्रिया सरल करने को सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था लागू की गई है। औद्योगिक, लॉजिस्टिक, स्टार्टअप और एमएसएमई क्षेत्रों से जुड़ी नीति समेत तीस से अधिक नीतियां बनाकर राज्य में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई सेक्टर के उद्यमियों के लिए प्लग एंड प्ले मॉडल पर उद्यम स्थापना को रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में कम लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्रियां भी तैयार की जा रही हैं। किच्छा फार्म में हजार एकड़ से अधिक भूमि पर स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित कर रहे हैं।