ख़बर शेयर करें -

आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सम्पर्क विभाग के तत्वाधान में एसएमजेएन पीजी कालेज में एक संगोष्ठी आयोजित कर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की विशेषताएं तथा भविष्य में इसकी उपयोगिता के विषय में विषद जानकारी दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख सीए अनिल वर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में बताया कि इस बिल के द्वारा उत्तराखंड में निवास करने वाले सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता एवं उत्तराधिकार जैसे विषयों को लेकर समान नियम बनाए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी को भी अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक क्रियाकलापों को करने की पूरी छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि ये नियम केवल विवाह, तलाक, उत्तराधिकार एवं गुजारा भत्ता से संबंधित विषयों पर ही लागू होंगे।विवाह का 90 दिन के अंदर पंजीकरण करना आवश्यक है। तलाक भी बिना अदालत की अनुमति के लेना संभव नहीं है। परिवारों में होने वाले बच्चों का अपने माता-पिता की संपत्ति में तलाक के उपरांत भी पूरा अधिकार रहेगा। तलाक के उपरांत दूसरा विवाह होने तक महिला अपने पति से गुजारा भत्ता पाने के अधिकारी रहेगी। ये नियम वास्तव में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक अच्छी पहल है। लड़का एवं लड़की के लिए विवाह की आयु भी इन नियमों के द्वारा निश्चित की गई है। लड़के की आयु 21 वर्ष तथा लड़की की आयु 18 वर्ष न्यूनतम रखी गई है।

यह भी पढ़ें 👉  Breaking News:धारचूला तहसील के दार्मा वेल्ली मैं तीजम में फटा बादल,बादल फटने से तीज़म वतन को जोड़ने वाला लकड़ी का पुल बहा

उन्होंने बताया कि आजकल प्रचलन में चल रहे लिव इन संबंधों को भी अब कानून के अंतर्गत लाया गया है। यदि कोई लड़का एवं लड़की लिव इन में रहते हैं तो उन्हें उसका पंजीकरण करना आवश्यक है। यदि इस संबंध के द्वारा कोई संतान उत्पत्ति होती है तो वह भी अपने माता-पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी रहेगी। सीए अनिल वर्मा ने कानून की उपयोगिता को भविष्य में किस प्रकार से समाज की कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी इस विषय पर विस्तार से बताया।

यह भी पढ़ें 👉  Weather Update:उत्तराखंड में आज इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी,अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ तीव्र दौर की बारिश और आकाशीय बिजली चमकने की संभावना

इस मौके पर एसएमजेएन पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने कहाकि देश की आजादी के बाद से ही समान नागरिक सहिंता कानून बनाने पर चर्चा व मांग चली आ रही थी। हमें गर्व है कि यह कानून देश ने पहली बार उत्तराखंड सरकार ने पारित किया है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ संजय माहेश्वरी ने किया।

इस मौके पर इमैक सामाजिक संस्था के आशीष झा, आरएसएस नगर प्रचार प्रमुख अमित शर्मा, विनय थपलियाल, डॉ. जे सी आर्य, डॉ. सुषमा नयाल, गौरव बंसल, डॉ. अमिता मल्होत्रा, डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ.मनोज कुमार सोही, डॉ. लता शर्मा, डॉ. आशा शर्मा , डॉ. मोना शर्मा, विनित सक्सेना, निष्ठा चौधरी, भव्या, साक्षी गुप्ता, आकाक्षां पांडे, रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, रचना गोस्वामी, संदीप सकलानी, मनोज मलिक, राजीव कुमार एवं छात्र-छात्राओं ने परिचर्चा में प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *