Uttrakhand News :उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सहित अन्य कई राज्यों में जमीन खरीद फरोख्त कर अरबों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले बाबा अमरीक हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सहित अन्य कई राज्यों में जमीन खरीद फरोख्त कर अरबों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले बाबा अमरीक उर्फ मलकीत निवासी नाडा साहिब थाना चंडी मंदिर पंचकुला हरियाणा को दून पुलिस ने हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है।
गिरोह के पांच सदस्यों को दून पुलिस पूर्व में जेल भेज चुकी है। लंबे समय से आरोपित की तलाश में राजपुर थाना पुलिस दबिश दे रही थी। बाबा अमरीक के विरुद्ध उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में धोखाधड़ी से संबंधित 18 मुकदमे दर्ज हैं।
💠पुलिस कर रही थी तलाश
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि कुछ आरोपितों ने राजपुर रोड निवासी गोविंद सिंह पुंडीर को भूमि बेचने के एवज में धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए हड़प लिए थे। इस मामले में राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। 14 जुलाई को पुलिस ने गिरोह के सदस्य मोहम्मद अदनान को सहारनपुर, 19 जुलाई को अमजद अली, शरद गर्ग व साहिल को उत्तर प्रदेश व हरियाणा से जबकि रणवीर को सहारनपुर से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
एसएसपी ने बताया कि फरार चल रहे आरोपित संजीव कुमार व संजय गुप्ता के विरुद्ध पूर्व में न्यायालय से गैर जमानती वारंट लेकर गिरफ्तारी के प्रयास किए गए लेकिन दोनों के लगातार फरार रहने के चलते पुलिस कुर्की की कार्रवाई कर रही है।
💠कोर्ट जारी कर चुका था गैर जमानती वारंट
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना बाबा अमरीक लगातार फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से न्यायालय से गैर जमानती वारंट प्राप्त किए थे। शुक्रवार को राजपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट को सूचना मिली कि गिरोह का सरगना बाबा अमरीक पावंटा साहिब हिमाचल प्रदेश में छिपा है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
💠जमीन बेचने के नाम पर करते हैं ठगी
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर लोगों को जमीन दिलाने के एवज में उनके साथ धोखाधड़ी की जाती है। लोगों को सस्ते दामों में जमीन बेचने का लालच देकर वह अपने पास बुलाते हैं। उनका विश्वास जीतने के लिए बाबा अमरीक जमीन की मिट्टी को उठाकर उसे सूंघते हुए जमीन उनके लिए उपयुक्त होने का विश्वास दिलाया जाता है।
💠धनराशि लेकर फरार हो जाते थे आरोपित
इसके बाद उनसे जमीन के एवज में मोटी धनराशि लेने के बाद तरह-तरह के बहाने बनाकर जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए बार-बार समय लिया जाता है। मौका देखकर सभी आरोपित फरार हो जाते हैं और नए ग्राहक की तलाश करने लगते हैं। गिरोह अब तक विभिन्न राज्यों में कई लोगों से अरबों रुपये की धोखाधड़ी कर चुका है।