Uttrakhand News :केदारनाथ धाम में एक बार एवलांच की घटना देखने कीे मिली, बर्फ का गुबार देख सहमे अन्य लोग

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में एक बार फिर से एलवांच की घटना देखने को मिली है. जहां काफी देर तक बर्फ का गुबार देखने को मिला. जिसे देख श्रद्धालु घबरा गए, लेकिन अभी तक कोई नुकसान की खबर नहीं है.

💠केदारनाथ धाम में सुमेरु पर्वत पर आया एवलांच

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर के पीछे सुमेरु पर्वत पर एक बार फिर से एवलांच आया है. हालांकि, अभी तक कोई क्षति नहीं की नुकसान नहीं है. न ही सरस्वती नदी का जलस्तर बढ़ा है. अक्सर इस प्रकार की घटना उच्च हिमालय क्षेत्र में होती रहती है.

जानकारी के मुताबिक, केदारनाथ धाम में मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियों पर एक बार फिर एवलांच की घटना देखने को मिली है. एवलांच की घटना आज सुबह 7:30 बजे के आस पास सुमेरु पर्वत पर हुआ. जहां सुमेरु पर्वत पर बर्फ का गुबार आ गया. जिसे धाम में मौजूद श्रद्धालुओं ने मोबाइल में कैद कर लिया. बर्फ का गुबार देख श्रद्धालु और साधु संत समेत अन्य लोग सहम गए.

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand News :129 बस्तियों के कुल 40 हजार घरों से वसूला जाएगा हाउस टैक्स,कोर्ट के आदेश पर बंद हुई थी वसूली

💠केदारनाथ में एवलांच

वहीं, अभी तक एवलांच से नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है. केदारनाथ धाम के पीछे चौराबाड़ी ग्लेशियर के कैचमेंट में अक्सर एवलांच की घटनाएं होती रहती है. यहां कुछ समय के अंतराल पर एवलांच आता रहता है. इस बार भी सुमेरु पर्वत पर एवलांच की घटना देखने को मिली.

कहीं विलुप्त न हो जाए पौराणिक सतोपंथ ताल? तेजी से घट रहा जलस्तर

💠आज भी डराती हैं 2013 आपदा की तस्वीरें: साल 2013 में केदारनाथ आपदा की खौफनाक तस्वीरें जब भी जहन में आती है, तभी रोंगटे खड़े कर देती हैं. यह घटना सदी की सबसे बड़ी जल प्रलय से जुड़ी घटनाओं में से एक मानी जाती है. 16 और 17 जून 2013 को केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे चौराबाड़ी झील ने ऐसी तबाही मचाई थी, जिसमें हजारों जिंदा दफन हो गए.

यह भी पढ़ें 👉  Uttarakhand News:रोडवेज कर्मचारियों में उबाल, कल से चक्का जाम का एलान

💠इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि जब यहां तबाही मची, उस समय कई किलोमीटर दूर तक भी लोगों को संभलने का तक मौका नहीं मिला. सैलाब कई क्विंटल भारी बोल्डर और पत्थर समेत मकानों को नेस्तनाबूद कर आगे बढ़ गया. ऐसे में जब भी कोई घटना होती है तो केदारनाथ आपदा की याद आ जाती है.