Uttrakhand News:ग्वालदम से तपोवन जोशीमठ तक के लिए एक नई सड़क बनाने की भारत सरकार से मिली स्वीकृति
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने ग्वालदम से तपोवन (जोशीमठ) तक के लिए एक नई सड़क बनाने की स्वीकृति मिल गई है। जिसे जनरल स्टाफ रोड के नाम से जाना जाएगा।
🌸प्रोजेक्ट को पांच वर्षों के अंतर्गत पूरा करने की बात
सीमा सड़क संगठन ने मार्च 2025 से पहले सड़क पर कार्य करने की बात कहते हुए प्रोजेक्ट को पांच वर्षों के अंतर्गत पूरा करने की बात कही है। रक्षा मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद सीमा सड़क संगठन ने लोक निर्माण विभाग अभी तक वाण तक बनी सड़क को हैंडओवर लेने की बात कही है।
वाण से आगे के सड़क का निर्माण लॉर्ड कर्जन ट्रैक रोड पार करते हुए इसे तपोवन पहुंचने की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन पूरी करेगा। इस सड़क की स्वीकृति के बाद पिंडर घाटी सहित चमोली जनपद में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां यह सड़क सीमाओं को आपस में जुड़ेगी।
वहीं इस क्षेत्र के पर्यटन के द्वारा भी खुलेंगे। बता दें कि भारत के वायसराय रहे लॉर्ड कर्जन ने इस सड़क को 1900 के दशक में बनवाया था, उन्हें इस मार्ग पर आना था लेकिन कारण बस लॉज कर्जन तो नहीं आए लेकिन अब यह सड़क भारत की सीमाओं की दूरी को आपस में कम कर जोड़ेगा। जिस पैदल ट्रैक को अभी तक लॉर्ड कर्जन ट्रैक के नाम से जाना जाता है उस पैदल सड़क पर अब सड़क बनने की उम्मीद जग गई है।
🌸कहां से कहां तक बनेगी सड़क
ग्वालदम से लेकर तपोवन (जोशीमठ ) तक पहुंचने वाली यह सड़क अब ग्वालदम – नंद केसरी- देवाल- कनाेल- रामनी-इराणी- दुर्मा होते हुए तपोवन तक बनेगी।
सीमा सड़क संगठन गौचर के कमान अधिकारी मनोहर कुमार ने बताया कि नवंबर 2022 में इस सड़क को भारतीय सेना के लिए बनाए जाने हेतु प्रस्ताव दिया गया था। तमाम औपचारिकताओं के बाद अब 18 सितंबर 2024 को भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने इस सड़क को बनाने की स्वीकृति दे दी है। यह सड़क जनरल स्टाफ सड़क के नाम से जानी जाएगी।
🌸सड़क की कुल दूरी 99.2 किलोमीटर
कमान अधिकारी ने बताया कि इस सड़क की कुल दूरी 99.2 किलोमीटर होगी, जिसमें से लोक निर्माण विभाग द्वारा अभी तक वाण तक 60 किलोमीटर सड़क बनी हुई है। शेष 39.2 किलोमीटर की नई सड़क को बनाने का जिम्मा सीमा सड़क संगठन को मिला है। कमान अधिकारी ने बताया कि पहले चरण मे वाण तक बनी सड़क को ठीक किया जाएगा वाण से आगे कर्जन रोड से होते हुए यह सड़क तपोवन तक बना दी जाएगी।
कमान अधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग से सड़क को हैंडओवर करने की प्रक्रिया जारी है। सड़क के हैंडओवर होते ही इसकी डीपीआर बनाई जाएगी। मार्च 2025 से पूर्व इस पर काम शुरू करने का लक्ष्य बनाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस सड़क के निर्माण के लिए 897 करोड रुपए की स्वीकृति अभी तक प्रदान की है।
🌸अभी तक दिया गया था लॉर्ड कर्जन ट्रैक नाम
ग्वालदम से तपोवन तक प्रस्तावित इस सड़क को अभी तक लॉर्ड कर्जन ट्रैक नाम दिया गया है। 1900 के दशक में भारत के वायसराय रहे लॉज कर्जन को इस ट्रैक पर आना था, लेकिन किन्हीं कारण वह नहीं आ पाए थे। लेकिन यह ट्रैक अपने निर्माण से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है। ग्वालदम की व्यवसाय खिलाफ सिंह शाह, गुलाब सिंह सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सड़क के निर्माण से जहां सीमाओं की दूरी कम होगी वही यह सड़क स्थानीय पर्यटन को एक नई दिशा और आयाम देगा।