Uttrakhand News:व्हाट्सएप पर नए साल की बधाई देने और फ्री उपहार पाने का लालच भरा लिंक कर सकता है आपका अकाउंट खाली,पुलिस ने लोगो को जागरूक रहने की दी सलाह

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साईइबर ठगों ने अब नए साल की आड़ में लोगों की जमापूंजी हड़पने का एक और तरीका निकाल लिया है। अब नए साल की बधाई देने और फ्री उपहार पाने का लालच भरा लिंक लोगों के व्हाट्सएप पर भेज रहे हैं, जिससे खाता खाली होने का खतरा मंडरा रहा है।

ऐसा एक मामला यूएसनगर और हल्द्वानी में सामने आ चुका है। पुलिस इस जालसाजी से बचने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है।

पुलिस के मुताबिक, अज्ञात साइबर ठग लोगों को चूना लगाने के विशेष तरीके खोज रहे हैं। ठग ऐसे लिंक लोगों के व्हाट्सएप और फेसबुक पर संदेश के रूप में भेज रहे हैं, जिसमें नववर्ष के शुभकामना संदेश हैं। नए साल में फ्री उपहार पाने के लिए लिंक पर क्लिक करने की सलाह दी जा रही है।

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साइबर क्राइम विभाग के अफसरों का कहना है कि लिंक को दबाते ही पूरा मोबाइल फोन हैक हो जाएगा और फिर साइबर अपराधी संबंधित व्यक्ति के फोन का डेटा चुराकर उनके खाते से रकम हड़प सकते हैं। यूएसनगर और हल्द्वानी को मिलाकर अब तक कुमाऊं में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें तकरीबन दो लाख रुपये की धोखाधड़ी हो चुकी है। पुलिस ने उपहारों और बधाई के फेर में न फंसने की अपील की है।

🌸चारों जिलों की पुलिस ने लोगों को किया अलर्ट

पहाड़ के चारों जिले अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ़ की पुलिस ने नए साल से पहले लिंक भेजकर ठगी के खतरे से लोगों को सतर्क किया है। पुलिस ने किसी भी प्रकार के बधाई और उपहार से जुड़े अज्ञात लिंक को न खोलने की सलाह दी है। पुलिस के एक मोटे अनुमान के अनुसार, कुमाऊं भर में अब तक 100 से अधिक लोगों को ऐसे ठगी वाले लिंक भेजे जा चुके हैं।

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🌸20 करोड़ से अधिक की इस साल साइबर ठगी

कुमाऊं के लोगों से इस साल साइबर अपराधियों ने जमकर काली कमाई की है। आंकड़ों के मुताबिक, छह जिलों में 20 करोड़ रुपये की ठगी हुई है, जिसमें से 8 करोड़ रुपये की धनराशि पुलिस ने पीड़ितों के खातों में वापस कराई है। पुलिस का बरामदगी का प्रतिशत 41 से अधिक है। नैनीताल और यूएसनगर, आबादी के हिसाब से ठगी का अधिक शिकार हुए हैं।

हल्द्वानी के साइबर व आईटी विशेषज्ञ सीओ सुमित पांडेय ने कहा, ‘लोगों को नववर्ष पर सतर्क रहना होगा। अज्ञात लिंक को खोलने से बचना होगा, क्योंकि ठग नए पैंतरे अपनाकर जमापूंजी हड़प रहे हैं।’

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