Uttrakhand News :1962 नंबर लगाने पर घर पर ही पशुओं का निशुल्क होगा उपचार,कुल 67662 पशुओं का हुआ है उपचार

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1962 एमवीयू (मोबाइल वेटनरी यूनिट) का उत्तराखंड के पशुपालक लाभ उठा रहे हैं। घर पर ही मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन के माध्यम से पशु को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल रही है।

16 नवंबर 2022 से राज्य में शुरू हुई इस योजना में अब तक कुल 67662 पशुओं का निशुल्क उपचार किया जा चुका है। सबसे ज्यादा पिथौरागढ़ में 11865 पशु का उपचार हुआ है।

💠पशु के बीमार व चोटिल होने के बाद लगता है समय

उत्तराखंड में पशु के बीमार अथवा चोटिल होने के बाद चिकित्सक बुलाने में काफी समय लगता था। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों के सामने यह समस्या और भी अधिक थी। नवंबर 2022 में पशुपालन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 60 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद से सभी जिलों के 60 ब्लाक में यह वाहन सेवाएं दे रहे हैं।

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वहीं, आने वाले दिनों में अन्य 35 वाहन भी राज्य को जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसके लिए विभाग ने शासन को भी पूर्व में पत्र भेजा था। ऐसे में आने वाले दिनों में सभी 95 ब्लाक में पशुपालकों को यह सुविधा मिल सकेगी।

💠1962 की अब तक की स्थिति

जिला, जानकारी के लिए काल, भेजे गए वाहन, पशु उपचार संख्या

अल्मोड़ा – 6089 – 3071 – 4415

बागेश्वर – 2915 – 2054 – 3667

चमोली – 2084 – 2900 – 6294

चम्पावत – 4368 – 2518 – 4088

देहरादून – 5014 – 3402 – 6320

हरिद्वार – 5538 – 4039 – 5341

नैनीताल – 4941 – 2675 – 3452

पौड़ी – 6427 – 4486 – 7683

पिथौरागढ़ – 6701 – 5187 – 11865

रुद्रप्रयाग – 1189 – 1240 -1436

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टिहरी – 2432 – 2492 – 3591

ऊधम सिंह नगर – 5268 – 3481 – 5057

उत्तरकाशी – 3306 – 2120 – 4453

कुल – 56311 – 39665 – 67662 – 39665

वाहन से 67662 पशुओं का उपचार

1962 के राज्य प्रभारी आशीष नेगी ने बताया कि पशुपालकों के काल के बाद पशुओं के उपचार के लिए अब तक 39665 बार वाहन भेजे गए, लेकिन कुल 67662 पशुओं का उपचार हुआ है।

बताया कि जब वाहन किसी क्षेत्र में जाता है तो वहां काल करने वाले पशुपालक के पशु का उपचार के अलावा नजदीकी के अन्य पशुपालक भी अपने पशु के बीमार होने की बात कहते हैं, जिसके बाद टीम उनका भी उपचार करती है। ऐसे में पशुपालकों की ओर से आई काल के मुकाबले उपचार करने वाले पशुओं की संख्या बढ़ जाती है।