Uttrakhand News :135 अटल उत्कृष्ट विद्यालय खुलने पर गहराया संशय, सरकार की ठिठकने लगे कदम

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प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने को प्रारंभ की गई अटल उत्कृष्ट विद्यालय योजना आगे बढ़ाने को लेकर सरकार के कदम अब ठिठकने लगे हैं। योजना के पहले चरण में 189 उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए, लेकिन दूसरे चरण में 135 विद्यालयों की स्थापना पर संशय गहरा गया है।

💠अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता सीबीएसई बोर्ड से समाप्त कर उत्तराखंड बोर्ड से जोड़ने का मामला शासन स्तर पर पहुंच गया है।

💠प्रदेश में सरकारी शिक्षा को गुणवत्तापरक बनाने के लिए पहले चरण में हर ब्लाक में दो-दो राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय बनाया गया। योजना में चयनित 189 में से 187 विद्यालयों को सीबीएसई से मान्यता दिलाई गई। सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता और हिंदी के साथ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का अवसर मिलने के कारण अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने बड़ी रुचि दिखाई।

💠ठंडे बस्ते में पड़ी है योजना

शैक्षिक सत्र 2021-22 में योजना प्रारंभ होने पर छात्र संख्या में 56,174 की वृद्धि हुई। इससे उत्साहित प्रदेश सरकार ने तय किया था कि दूसरे चरण में 135 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जाएगी। विभाग ने प्रदेशभर में ऐसे विद्यालयों के चिह्नीकरण की कवायद भी की। यह अलग बात है कि बीते डेढ़ वर्ष से दूसरे चरण में योजना का दायरा बढ़ाने का मामला ठंडे बस्ते में है। सीबीएसई बोर्ड का शैक्षिक सत्र 2022-23 का परीक्षा फल आने के बाद अब स्थितियां नई करवट लेती दिख रही हैं। सीबीएसई बोर्ड का परीक्षा फल अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने के कारण राजकीय शिक्षक संघ इस योजना के विरोध में आ खड़ा हुआ है।

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💠शिक्षा मंत्री ने की है पैरवी

संघ ने विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत और शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के साथ विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सीबीएसई से संबद्धता समाप्त कर उन्हें उत्तराखंड बोर्ड से जोड़ने की पैरवी की है। संघ का तर्क है कि प्रदेश में शिक्षा की दोहरी व्यवस्था लागू होने से शिक्षकों को कठिनाइयों से जूझना पड़ रहा है। संघ के साथ वार्ता में बनी सहमति के आधार पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इन विद्यालयों को उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने इस योजना पर पुनर्विचार करने के संकेत दिए हैं।

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💠योजना विस्तार के पक्ष में हैं नेता

यद्यपि, इस योजना को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय अटल उत्कृष्ट योजना के विस्तार के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना से छात्रसंख्या में वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरों में भी इन राजकीय विद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों का रुझान बढ़ रहा है। लिहाजा, अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सीबीएसई से संबद्धता समाप्त नहीं की जानी चाहिए।