Uttarakhand News:उत्तराखंड विधानसभा में आज प्रस्तुत होगा UCC विधेयक, समान नागरिक संहिता पर होगी चर्चा
उत्तराखंड के लिए आज का दिन अहम माना जा रहा है। दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा में आज यूनिफॉर्म सिविल कोड पेश किया जाएगा। यूसीसी को विधानसभा में पास करने के बाद उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा।
UCC के लिए उत्तराखंड तैयार है। यूसीसी के लागू होने से महिलाओं को सम्मान और समानता का अधिकार मिलेगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के बाद असम समेत कुछ अन्य राज्य भी इसकी चर्चा तेज हो गई है। एक तरफ कमेटी अपना काम करती रही तो दूसरी ओर सीएम धामी इसे लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते रहे। उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी विधेयकर के पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही इसे उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा। चूंकि, सदन में भाजपा का बहुमत है, लिहाजा सदन से पारित होने में भी कोई दिक्कत नहीं है।
🔹उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक दिन होने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए देहरादून समेत संपूर्ण उत्तराखंड में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भारी संख्या में पुलिबलों को उतारा गया है। राज्य की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है।
🔹विपक्ष से सकारात्मक चर्चा की अपील
सीएम धामी ने विपक्ष से इस मुद्दे पर सकारात्मक रुप से चर्चा करने की अपील की है। उन्होंने कहा, “सकारात्मक ढंग से चर्चा में भाग लें, मातृ शक्ति के उत्थान के लिए, राज्य के अंदर रहने वाले हर पंथ, हर समुदाय, हर धर्म के लोगों के लिए इसमें भाग लें।”
🔹2 फरवरी को सौंपा गया ड्राफ्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यूसीसी का ड्राफ्ट 2 फरवरी को सौंपा गया। मुख्य सेवक सदन में यूसीसी समिति ने सीएम धामी को ड्राफ्ट सौंपा। मुख्य सेवक सदन में यूसीसी समिति ने सीएम धामी को ड्राफ्ट सौंपा है। इसके बाद 3 फरवरी को धामी मंत्रिमंडल की बैठक हुई। हालांकि, इसमें UCC को लेकर चर्चा नहीं हो पाई।
🔹क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता में देश में रह रहे सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए समान कानून की वकालत की गई है। अभी हर धर्म और जाति के लिए अलग कानून है। इसके हिसाब से ही शादी, तलाक जैसे व्यक्तिगत मामलों में निर्णय होते हैं। यूसीसी लागू होने के बाद हर धर्म और जाति के नागरिकों के लिए मैरिज रजिसट्रेशन, तलाक, बच्चा गोद लेना और सम्पत्ति के बंटवारे जैसे मामलों में समान कानून लागू होगा।