हौसला मातृशक्ति का : भारत के वीर सैनिकों की वीरांगनाओं को संदेश देने के लिए बुलेट से भारत की यात्रा करेंगी अम्बिका कृष्णा

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खबर : अम्बिका ने सिर्फ 19 साल में ही अपने पति को खो दिया था जो एयरफोर्स में थे केरल की अंबिका कृष्णा ने अपने जीवन की शुरुआत किसी आम सी लड़की के जैसे ही की थी.

उनकी शादी छोटी उम्र में ही हो गई थी. वहीं जब वो सिर्फ 19 साल की थीं, तभी उनके पति का निधन हो गया था. वो वायुसेना में अफसर थे और उनका नाम शिवराज एच था. इसके बाद जिंदगी जीने की जद्दोजहद और जिंदगी को संवारने की चुनौती सामने खड़ी थी.अंबिका ने पति की मौत के बाद खुद को संभाला. उनकी तीन महीने की बेटी भी थी. उसकी देखरेख का जिम्मा भी उनका ही था. अंबिका ने किस्मत से हार न मानकर लड़ने का फैसला किया. अब आज आरजे बन गयी है अम्बिका जो अभी हर घर की आवाज है अब अम्बिका बाइक से पूरे भारत का चक्कर लगाने जा रही है.

जो कोई भी इस बात को सुन रहा है, वो उनके हौसले को सलाम कर रहा है. इतनी कम उम्र में विधवा होने के बाद भी आरजे ने हिम्मत नहीं हारी और करियर बनाया और अब मिसाल बनने जा रही हैं.प्रेरणा दायक कहानी है परन्तु सत्य है. जिस मशहूर आरजे की हम बात कर रहे हैं, उनका नाम अंबिका कृष्णा हैं.

जब उनके पति की मौत हुई, उस समय वो बीकॉम कर रही थीं. इसके बाद उन्होंने पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया. दोस्त रखते थे बेटी का ख्याल. आज वही बेटी इनफ़ोसिस में डिजायनर के तौर पर काम कर रही है.अंबिका का कहना है कि जब वो साल 1997 में पढ़ाई पूरी करने कॉलेज जाती थीं, उस समय उनकी छोटी बेटी का ध्यान उनके दोस्त रखा करते थे. वहीं कुछ दूसरे दोस्तों ने उनका छूटा हुआ कोर्स पूरा करवाया. वहीं शाम को अंबिका कम्प्यूटर सीखने चली जाती थीं.


इसके बाद उन्होंने अकाउंटेट की नौकरी हासिल की. इसी बीच उनको आकाशवाणी में अंशकालिक नौकरी भी मिल गई. मीडिया की दुनिया उनको पसंद आ गई और उन्होंने इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठान ली. अंबिका ने कहा कि आरजे के रूप में उनको जीवन जीने का नया मकसद मिला. उनके भीतर सकारात्मकता बढ़ गई. वो पहले से ज्यादा मजबूत बन गईं और संघर्ष करने लगीं. मानसिक तौर पर वे काफी मजबूत हुई रेडियो से जुड़ कर. अंबिका अपनी बाइक यात्रा कोच्चि से अकेले ही शुरू करेंगी. वो इस यात्रा को 50 दिन के भीतर पूरा करना चाहती हैं. उनका कहना है कि ये यात्रा सैनिकों और उनकी विधवाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए करना चाहती हैं. अंबिका ने बताया कि वो हर महिला को आजाद देखना चाहती हैं. उनकी इस यात्रा का मकसद भी यही है.वहीं दूसरी ओर आरजे की यात्रा के लिए आकाशवाणी के देशभर के स्टेशनों को चौकन्ना किया गया है. अंबिका आकाशवाणी रेनबो 107.5 कोच्चि स्टेशन से जुडी हुई हैं. वहां पर घर घर के लोग जानते हैं अम्बिका की आवाज को

2 thoughts on “हौसला मातृशक्ति का : भारत के वीर सैनिकों की वीरांगनाओं को संदेश देने के लिए बुलेट से भारत की यात्रा करेंगी अम्बिका कृष्णा

  1. सुपर सैल्यूट है आपको, भगवान आपकी अभिलाषा और मकसद पूरा करेंगे।

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