चारधाम यात्रा के बीच उत्तराखंड के पर्यटन और स्वास्थ्य मंत्री गायब, सीएम धामी कर रहे मॉनिटरिंग

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उत्तराखंड में चार धाम यात्रा जहां अपने शबाब पर है, भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे है,,वहीं उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री के उत्तराखंड से गयाब होने की बात कही जा रही हैं, बात सिर्फ पर्यटन मंत्री की नहीं है बल्कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं, ऐसे में यात्रा में हो रही अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने भी अबसरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं।जबकि राज्य सरकार के मंत्री कहते है की यह यात्रा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है 

विपक्ष उठा है सवाल,कहां है प्रदेश के पर्यटन मंत्री 

उत्तराचखंड में चार धाम यात्रा को शुरू हुए हफ्ते भर से ज्यादा का वक्त हो चुका है,,यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं की कुछ शिकरातें भी अव्यवस्थाओं को लेकर सुनने को मिल रही है,लेकिन हैरानी की बात ये है कि उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज कहीं दिखाई नहीं दे रहें हैं,जिससे सवाल उठ रहें है,बात सिर्फ सतपाल महाराज की ही नहीं है बल्कि इस बार तो स्वास्थ्य मंत्री भी प्रदेश से नदारत है। 

एक तरह जहां प्रदेश में चार धाम यात्रा पूरे सबाब पर दिखाई दे रही है,और 10 दिनों के भीतर 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चारों धामों के दर्शन कर दिए है,तो फिर उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्वमंत्री सतपाल महाराज कहां गयाब है,क्योंकि चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद महाराज न तो प्रदेश में और न ही व्यवस्थाओं को परखने के लिए चारों धामों में से किसी भी एक धाम में नहीं दिखाई दिए है। 

जिससे सवाल उठ रहें है कि क्या पर्यटन और धर्मस्वमंत्री को उत्तरखंड में चल रही चार धाम यात्रा से कोई मतलब है,और है तो फिर महाराज अगर उत्तराखंड से बाहर भी है , विपक्ष भी चार धाम यात्रा की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए पर्यटन और धर्मस्वमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की भूमिका पर सवाल उठा रहा है। 

इस बात में विपक्ष की सच्चाई भी नजर आ रही है ,कि पिछले साल की तरह इस साल भी प्रदेश के पर्यटन मंत्री चार धाम यात्रा शुरू होते ही गयाब हो गए है। हालाकि यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार मॉनिटरिंग में कर रहे हैं उसके लिए 3 आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। 

लेकिन जिस मंत्री के पास धर्मस्व और पर्यटन विभाग का जिम्मा है उनकी खुद की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे वक्त पर उत्तराखंड में रहे क्योंकि जिम्मेदारी सबसे बड़ी चीच होती है और फिलहाल जो जिम्मेदारी पर्यटन मंत्री के नाते महाराज पर है उससे वह इन दिनों निभाने का काम नहीं कर रहें हैं। मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पहले तो सरकार का बचाव करते है जबकि यह भी कहते है की यात्रा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है 

 

22 अप्रैल से शुरू हुई चार धाम यात्रा में अब तक ढाई लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं,, ऐसे में मई और जून में यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है,, वही मौसम की वजह से यात्रा में दिक्कतें आ रही हैं, खासकर केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालु बर्फबारी के बीच दर्शनों के लिए घंटो लाइन में लगते हैं,, साथ ही यात्रा मार्गो में भी व्यवस्थाएं हैं, ऐसे में यह सवाल खड़ा होने लगा है कि जिम्मेदार महकमे के मंत्री प्रदेश से क्यों गायब हैं ,क्या इस वक्त उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वह यात्रा में व्यवस्थाओं को संचालित करें।। 

 

 

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