ये है दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त देखिये इन मंत्रों को पढ़े नंदादेवी न्यूज़ की आप सभी दर्शकों को सपरिवार शुभकामनाएं

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महालक्ष्मी का वरदान पाने की आज शुभ तिथि है. दीपावली की रात सबसे ज्यादा अंधेरी होती है. ऐसा कहते हैं कि दिवाली की रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं.

 

 

 

 

 

इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा से पूरे साल धन और समृद्धि प्राप्त होती है. दीपावली के दिन किसी भी प्रकार की दरिद्रता को दूर किया जा सकता है. ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि दिवाली पर किए गए दिव्य उपायों से जीवन की हर परेशानी, हर संकट का नाश हो सकता है, क्योंकि यह रात परम शुभदायी और कल्याणकारी होती है.

 

 

 

 

 

 

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 06 बजकर 53 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 48 मिनट तक

 

 

 

 

 

 

 

दिवाली पर कैसे करें पूजा?
दिवाली की पूजा के लिए सबसे पहले पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें. चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं. पहले गणेश जी की मूर्ति रखें. फिर उनके दाहिने और लक्ष्मी जी को रखें. आसन पर बैठें और अपने चारों और जल छिड़क लें. इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें. एक मुखी घी का दीपक जलाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां अर्पित करें. इसके बाद पहले भगवान गणेश, फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें.

 

 

 

 

 

 

आखिर में आरती करें और शंख बजाएं. घर में दीपक जलाने के पूर्व पहले थाल में पांच दीपक रखकर उन्हें फूल आदि अर्पित करके पूजा कर लें. तब जाकर घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें. घर के अलावा, कुएं के पास और मंदिर में भी दीपक जलाएं.

 

 

 

 

 

 

 

पूजा के बाद ऐसे करें आरती
दिवाली पर मां लक्ष्मी की आरती बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है. माता लक्ष्मी की आरती 16 पंक्तियों में हैं. आरती के समय इन पंक्तियों का उच्चारण करें. ध्यान रहे कि आपका स्वर मध्यम होना जरूरी है. देवी की आरती में वाद्य यंत्र का भी प्रयोग किया जा सकता है. आरती का दीपक शुद्ध घी से प्रज्वलित किया जाना चाहिए. इन दीपों की संख्या 5, 9, 11 या 21 हो सकती है. ये दीप घड़ी के काटों की तरह लयबद्ध होने चाहिए.

 

 

 

 

 

 

 

महालक्ष्मी की पूजा में बरतें ये सावधानियां
मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहन कर करनी चाहिए. काले, भूरे और नीले रंग के कपड़ों से परहेज करें. दिवाली पर मां लक्ष्मी के उस चित्र या प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह गुलाबी कमल के पुष्प पर बैठी हों. साथ ही उनके हाथों से धन बरस रहा हो. मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम होगा. पूजा के लिए माता लक्ष्मी की नई मूर्ति की स्थापना करें. लक्ष्मी को स्थापित करने से पहले भगवान गणेश की स्थापना करें.

 

 

 

 

 

 

 

रुका हुआ धन पाने का उपाय
दीपावली की रात को मां लक्ष्मी को गुलाब का एक फूल और कुछ सिक्के अर्पित करें. अगले दिन सुबह सारे सिक्कों को किसी निर्धन को दान कर दें. गुलाब का फूल अपने धन स्थान पर रख लें. धीरे-धीरे आपका फंसा हुआ धन मिलने लगेगा.

 

 

 

 

 

 

नकारात्मक ऊर्जा से होगी रक्षा
दिवाली की रात एक बड़ा सा शुद्ध सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके ऊपर एक ओर दीपक तिरछा करके रख दें. रात भर दीपक को जलने दें. इसके अंदर काले रंग का काजल जम जाएगा. इस काजल को सुरक्षित रख लें. इस काजल का रोज प्रयोग करें. आप हर तरह के नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहेंगे.

 

 

 

 

गणेश और मां लक्ष्मी के मंत्र
– “ॐ गं गणपतये नमः”
– “ॐ श्रीं श्रीयै नमः”
– “ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मयै नमः”

 

 

 

 

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