मन को भगवत भक्ति में लगाना ही मोक्ष प्राप्ति मार्ग है जजुट गांव में भागवत कथा जारी

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मन को भगवत भक्ति में लगाना ही मोक्ष प्राप्ति मार्ग है जजुट गांव में भागवत कथा जारी

 

 

 

 

 

गंगोलीहाट। विकास खंड के जजुट गांव में श्रीमद् भागवत कथा बुधवार को जारी रही। स्व मोहन चंद्र पंत की स्मृति में उनकी पत्नी मंजुला पंत ने इसका आयोजन किया है। इस मौके पर व्यास पंडित चंद्र शेखर पंत ने कहा कि मन को भगवत भक्ति में लगाना ही मोक्ष प्राप्ति मार्ग है ।

 

 

 

 

 

 

व्यास पंडित पंत ने कर्दम ऋषि व उनकी पत्नी देवभूति की कथा का प्रसंग सुनाया। किस प्रकार उनकी 9 बेटियां हुई। ऋषि ने उनकी उत्तम ऋषियों से विवाह कराया। उनकी पत्नी ने पुत्र कामना की। भगवान स्वयं उनके घर में पैदा हुए। जो कि कपिला अवतार के नाम से प्रसिद्ध हुआ। व्यास ने आगे बताया कि कैसे कपिलावतार भगवान ने अपनी मां को पुत्र मोह से छुटकारा दिलाया। उन्होंने कहा कि संसार में मन को बांधना जरूरी है। मन ही विषयों का कारण है। कहा कि संसार में त्याग पूर्वक भोग की बात कही गई है। जो मिला है उसको प्रसाद रूप में ग्रहण करना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि कुंठा रहित मन ही बैकुंठ है। कपिलदेव इतना सब बता कर अंतर्ध्यान हो गई। वहीं भगवत पूजन में समर्पित मां भी दिव्यलोक को चली गई। कथा में गंगा अवतरण व अत्रि ऋषि अनुसूया प्रसंग बताया। अत्रि ऋषि की तपस्या से ब्रह्मा बिष्णु व महेश प्रगट हुए। ऋषि की उनके पुत्र के रूप में पैदा होने का आशीर्वाद दिया। नारद का अत्रि ऋषि के आश्रम के बाद भगवान विष्णु के यहां पहुंचने का प्रसंग भी आया। जहां नारद ने अनुसुइया के भोजन की तारीफ की। इसके बाद वह ब्रह्मा व शिव लोक में पहुंचते हैं। लक्ष्मी ब्रह्माणी व पार्वती ने कहा कि अनुसुइया कैसे सबसे बड़ी पतिव्रता हैं। तीनों ने अपने पतियों से कहा कि तुम्हें अनुसुइया का पतिव्रता भंग करो। इस पर तीनों देवताओं के शिशु रूप सहित पूरा प्रसंग रखा।

 

 

 

 

 

 

कथा में शिव व सती का प्रसंग। दक्षप्रजापति का सम्मान समारोह। जहां शिव ने उनको सामने प्रणाम नहीं किया। इस पर दक्ष नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि शिव को यज्ञ का भाग नहीं मिलेगा। इसके बाद नंदी ने श्राप दिया। सती का देह त्याग आदि प्रसंग रखे। वहीं ध्रुव का संकल्प आदि प्रसंग रखे। इस मौके पर भगवती प्रसाद पंत लक्ष्मी नारायण पंत मोहन चंद्र जोशी राजेंद्र प्रसाद पांडे दिनेश चंद्र पंत पंडित प्रकाश चंद्र जोशी गिरीश चंद्र जोशी पांडे पत्रकार जगदीश जोशी समेत बड़ी तादात में भक्तजन मौजूद रहे।

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