बागेश्वर में छतीना व अमर वन में होगा पौधरोपण
अपनी धरोहर संस्था द्वारा पौधरोपण के लिए डीएफओ से की चर्चा पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्ष मित्र के कार्यो की कि सराहना। जल्द परिवार के सदस्यों के नाम जितने सदस्य उतने पेड़ अभियान चलाकर पर्यावरण संरक्षण की योजना में आमजन से सहयोग की कि अपील।
बागेश्वर में छतीना व अमर वन में होगा पौधरोपण
बागेश्वर। अपनी धरोहर संस्था द्वारा हरेला पर्व पर 17 जुलाई को प्रत्येक जनपद में प्रातः नौ बजे पौधरोपण किया जाएगा। बागेश्वर में छतीना व अमर वन में पौधरोपण किया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए संस्था के पदाधिकारियों व प्रभागीय वनाधिकारी के बीच चर्चा हुई जिसमें प्रभागीय वनाधिकारी ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
डीएफओ बागरी ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण में जो भी विभागीय स्तर पर सहयोग होगा वो प्रदान किया जाएगा।वही पर्यावरण संरक्षण के लिए व्रक्षारोपन को आमजन को प्रोत्साहित करने के लिए विभागीय स्तर पर हर जन जन के नाम के आधार पर जितने लोग उतने पेड़ अभियान चलाकर उनके संरक्षण के लिए प्रयास करने की बात कही।
संस्था के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व आईजी गणेश सिंह मर्तोलिया के निर्देशन में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 17 जुलाई को हरेला पर्व पर पौधरोपण किया जाएगा।
जनपद में पौधरोपण कार्यक्रम के लिए अपनी धरोहर संस्था के वरिष्ठ सदस्य भुवन कांडपाल व किशन मलड़ा ने शुक्रवार को प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी से मुलाकात की। वार्ता में हिमांशु बागरी ने संस्था के गत वर्ष किए पौध रोपण व व्रक्ष प्रेमी किशन सिंह मलड़ा के पर्यावरण संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों की सराहना की।वही वृक्ष प्रेमी मलड़ा से उनके द्वारा जल्द हर घर हर सदस्य के नाम चलाई जाने वाले व्रक्षारोपन कार्यक्रम में सहयोग की अपील की।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि वृक्ष हमारे जनजीवन में जीवनदायिनी ऑक्सीजन गैस का उत्पादन और विषाक्त गैसों का शोषण कर हमें ऊर्जा देते हैं।कहा कि वन विभाग पर्यावरण संरक्षण में किए जा रहे कार्य के लिए हरसंभव सहयोग देगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए संस्थान का ट्री गार्ड व विभिन्न औषधि प्रजाति के पौधे भी उपलब्ध कराएगा। संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में प्रातः नौ बजे एक साथ संस्था द्वारा पौधरोपण किया जाएगा। बागेश्वर में यह कार्यक्रम गोलज्यू वन छतीना बैंड व अमर वन भागीरथी में किया जाएगा। इस दौरान वृक्ष मित्र किशन मलडा ने प्रभागीय वनाधिकारी को पुस्तकें भी भेंट की।
रिपोर्ट हिमांशु गढ़िया