कुमाऊँ के इस जनपद में शिक्षा सत्र के एक महीना बीत गया नहीं मिली निशुल्क पुस्तक

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चंपावत नया शिक्षा सत्र शुरू हुए एक महीना बीत गया है लेकिन निशुल्क वितरित होने वाली पुस्तकें अभी नहीं मिल पाई हैं। इस वजह से इंटर तक के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। ज्यादातर छात्र-छात्राएं पुस्तकों के बगैर या पुरानी पुस्तकों से काम चलाने के लिए मजबूर हैं।

 

 

 

 

 

पहली कक्षा से इंटर तक के उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को निशुल्क पुस्तकों की योजना है। चंपावत में नौंवी से बारहवीं तक की 19 विषयों की कुल 122463 पुस्तकों की जरूरत है। इसी तरह पहली से आठवीं तक की कुल 139031 पुस्तकें दी जानी हैं। अभी तक उन्हें एक भी पुस्तक नहीं मिल सकी है। पुस्तकों का प्रकाशन भी अभी नहीं हो सका है। विद्यार्थियों को दी जा रहीं पुरानी किताबें  चंपावत जिले में 31 हजार छात्र-छात्राएं सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

 

 

 

 

 

पुस्तकें नहीं होने से इन छात्र-छात्राओं को किसी तरह काम चलाना पड़ रहा है। कई स्कूलों में पुरानी पुस्तकें विद्यार्थियों को बांटी जा रही हैं। जीजीआईसी की प्रभारी प्रधानाचार्या भुवनेश्वरी फोनिया का कहना है कि पुरानी पुस्तकों को मंगवाकर छात्राओं को बांटा गया है। जब तक नई पुस्तकें नहीं मिलती, इनसे काम चलाया जाएगा।
अभी एक भी पुस्तक जिले में नहीं पहुंची है। इसे लेकर लगातार पत्राचार किया जा रहा है। 15 मई तक पुस्तकें ब्लॉक मुख्यालयों में पहुंचने की उम्मीद है। तब तक पुरानी पुस्तकों से काम चलाने के निर्देश दिए गए हैं। आरसी पुरोहित, मुख्य शिक्षाधिकारी, चंपावत।

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