होली पर सीएम धामी की बड़ी घोषणा , अब उत्तराखंड की सभी जिला अस्पतालों में होगी MRI और सिटी स्कैन की सुविधा
उत्तराखंड के सभी जिला अस्पतालों में मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन जांच की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सभी मेडिकल कॉलेजों में हार्ट रोगियों के लिए कैथ लैब खोलने का भी निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की यह घोषणा
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मंगलवार को जन औषधि दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों में रेडियोलॉजी जांच की सुविधा को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला अस्पतालों में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा शुरू करने के साथ ही टैक्नीशियन भी तैनात किए जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के जिन मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब की सुविधा नहीं है वहां पर इस सुविधा को शुरू किया जाएगा। हृदय रोगियों को इससे बड़ी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 2022-23 में जन औषधि के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले डॉ. पुनीत धमीजा, जन औषधि मित्र मुकुल अग्रवाल एवं जन औषधि ज्योति के रूप में कुसुम गोयल को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. कल्पना सैनी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, सचिव स्वास्थ्य डॉ.आर राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।
सभी न्याय पंचायतों में जन औषधि केन्द्र खुलेंगे
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य की सभी 670 न्याय पंचायतों में कॉपरेटिव सोसायटी में एक-एक जन औषधि केन्द्र खोला जाएगा। जन औषधि केन्द्र खोलने पर पांच लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। राज्य में 400 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य है, इसमें 225 केंद्र खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने में जन औषधि केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
जन औषधि योजना गरीबों के लिए वरदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की शुरू की गई जन औषधि योजना देश भर में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। पहले लोगों को महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती थी लेकिन अब उन्हें जन औषधि के जरिए 850 दवाएं बहुत कम दामों पर ही उपलब्ध हो जाती हैं। इन केंद्रों में महिलाओं को सिर्फ एक रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्र आज के समय में रोजगार के भी बड़े माध्यम बन रहे हैं। साथ ही फार्मा सेक्टर को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में आई दीपा शाह ने बताया कि पैरालिसिस के इलाज के लिए पहले उन्हें 7000 रुपये की दवाई खरीदनी पड़ती थी। लेकिन अब यह दवाई जन औषधि के जरिए महज 1500 रुपये में मिलती है।
रिपोर्टर – रोशनी बिष्ट