उत्तराखंड में आग की घटनाओं को लेकर सरकार बड़ा फैसला अब इस तरह होगा आग पर काबू

उत्तराखंड न्यूज़ डेस्क, कैबिनेट ने राज्य में चार नए फायर स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है. साथ ही फायर स्टेशन को सात श्रेणियों में बांटते हुए, संसाधनों के मानक भी तय कर दिए हैं.
बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों और शहरीकरण के चलते प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में कई जगह बड़ी अग्नि दुर्घटनाएं हुई हैं.इनमें जान-माल का भी नुकसान हुआ है. इसके चलते सरकार ने गृह विभाग के प्रस्ताव पर चंपावत, पुरोला, झबरेड़ा और ज्वालापुर में नए फायर स्टेशन मंजूर कर दिए हैं.
साथ ही फायर स्टेशन को औद्योगिक क्षेत्र, जिला मुख्यालय, तहसील, उप तहसील, शहर, ग्रामीण और राजधानी क्षेत्र के आधार पर सात श्रेणियों में बांट दिया है. प्रत्येक जगह के लिए स्टाफ और उपकरणों के मानक भी तय दिए गए हैं. अब सबसे छोटी यूनिट में न्यूनतम 16 और राजधानी क्षेत्र के लिए सर्वाधिक 90 फायरकर्मियों की तैनाती की जाएगी. कैबिनेट ने फायर कर्मियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिलाने का भी निर्णय लिया है.
आवासहीन परिवारों को नजूल भूमि मुफ्त मिलेगी कैबिनेट ने आवासहीन परिवारों को घर बनाने को 50 वर्गमीटर नजूल भूमि निशुल्क देने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड की नजूल नीति-2021 को भी कैबिनेट ने एक साल के लिए विस्तार दे दिया है.प्रदेश की नजूल नीति- 2021, की अवधि 10 दिसंबर 2022 को समाप्त हो चुकी है. इस बीच सरकार गत बजट सत्र के दौरान नजूल ऐक्ट को भी सदन से मंजूर करा चुकी है.
इसे राजभवन से मंजूरी नहीं मिली है. इससे आवंटन का काम अटका है. इस कारण तत्काल प्रभाव से नजूल आवंटन प्रारंभ करने के लिए सरकार ने नजूल नीति 2021 को 11 दिसंबर 2022 से आगामी 10 दिसंबर तक विस्तार दे दिया है. इधर, सरकार ने नजूल आवंटन की शर्तें भी आसान करते हुए, आवासहीन परिवारों को 50 वर्गमीटर जमीन मुफ्त देने का निर्णय लिया है. दरअसल अभी नजूल आवंटन के लिए बीपीएल श्रेणी में होना जरूरी है लेकिन बीपीएल चिह्निकरण 2014 के बाद से बंद हैं. इससे पात्र लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
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