Big Breking अल्मोड़ा में भी इस जगह तोड़ी गयी मज़ार

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कुमाऊं में कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के बाद पर्यटन नगरी में भी सरकारी व जंगलात की भूमि पर अतिक्रमण कर बनाई गई धार्मिक संरचना ढहाने की मुहिम शुरू कर दी गई है।पहले चरण में गनियाद्योली रेंज कार्यालय के ठीक पीछे आरक्षित वन क्षेत्र में बनाई गई मजार को ध्वस्त कर दिया गया।

 

 

 

 

 

वन विभाग की ओर से मजार का रखरखाव करने वालों को नोटिस भेज दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था। जब कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया गया तो मजार को अवैध करार देते हुए उसे ढहा दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों व सीओ तिलक राम वर्मा की निगरानी में कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मुस्तैद रहा।

 

 

 

 

अभियान शाम तक चलता रहा।राज्य सरकार वन भूमि के साथ ही अन्य सरकारी जमीनों पर धार्मिक गतिविधियों के बहाने किए गए अतिक्रमण को लेकर कडा रुख अपनाए है। इसी के तहत अब तक वन भूमि पर करीब 230 अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा चुके हैं। इनमें 41 मंदिर भी शामिल हैं। इधर बीते दिनों वन विभाग के साथ ही रक्षा संपदा विभाग (रक्षा मंत्रालय), छावनी परिषद और पुलिस ने संयुक्त सर्वे किया था।

 

 

 

 

 

 

इसमें रक्षा संपदा विभाग की भूमि पर 13 मजार चिह्नित की गई। एक मजार रानीखेत रेंज के गनियाद्योली कार्यालय के पीछे भी मिली थी।वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा की ओर से मजार का रखरखाव करने वालों को नोटिस भेज संबंधित अभिलेख या अन्य जरूरी कागजात दिखाने को कहा गया था। मगर कोई जवाब नहीं मिलने पर सोमवार की शाम प्रशासन दलबल के साथ गनियाद्योली रेंज कार्यालय के पीछे कंपार्टमेंट संख्या एक में पहुंचा। पुलिस की मौजूदगी में अवैध रूप से बनाई गई अब्दुल्ला शाह बाबा उर्फ सैयद बाबा की मजार को ढहा दिया गया। इस दौरान तहसीलदार मनीषा मारकाना, कोतवाल अरुण कुमार, एसएसआई सुनील बिष्ट आदि मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

 

द्वाराहाट, जौरासी व मोहान रेंज में वन भूमि पर कोई अवैध निर्माण नहीं मिला है। गहन सर्वे अभी जारी है। रानीखेत रेंज में गनियाद्योली में एक महार अवैध पाई गई थी। अतिक्रमण कोई भी हों अभिलेख नहीं होंगे तो उसे हटाया जाएगा। भले मंदिर हों या अन्य धार्मिक संरचना, जो भी अवैध पाया जाएगा हटाए जाएंगे।

sources by social media

 

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