हल्द्वानी के जगदम्बा मन्दिर में श्रीमद् देवी भागवत यज्ञ का किया गया आयोजन

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हल्द्वानी- जगदम्बा मन्दिर परिसर में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के तीसरे दिन शनिवार को पूर्वान्ह में वैदिक मन्त्रोचारण के साथ विश्वशान्ति यज्ञ किया गया । अपरान्ह में भाागवत कथा वाचन करते हुए ब्यास डा.मनोज चन्द्र पाण्डे ने कुरुवंश का वर्णन किया । ब्यास जी ने कहा कि राजा परीक्षित द्वारा ब्राह्मण का अपमान करने पर श्रंगी ऋर्षि ने उन्हें श्राप दे दिया जिसके कारण सर्प दंश से उनकी मृत्यु हो गई । मृत्यु के समय उनके पुत्र जन्मेजय मात्र 11 वर्ष के थे बड़े होने पर जब उन्हें यह पता चला कि उनके पिता की मृत्यु स्वाभाविक नहीं बल्कि तक्षक सर्प के डसने से हुई तो उन्होने सर्पो से बदला लेने का निर्णय लिया और सर्प यज्ञ किया ।

 

 

 

 

आस्तिक ऋर्षि द्वारा सर्प यज्ञ रोक दिया । तब ब्यास जी ने जन्मेजय को देवी की महिमा के बारे मे बताया । देवी के मन्त्र ” ऐं ” के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुए सत्यव्रत की कथा सुनाई । ब्यास डा. मनोज चन्द्र पाण्डे ने कहा कि भारत में लोकतन्त्र प्राचीन समय से है और युधिष्ठिर को राज्यसभा द्वारा ही राजा बनाया गया । कहा कि सनातन धर्म की रक्षा करने वाले की रक्षा स्वंय धर्म द्वारा की जाती है ।ब्यास डा. पाण्डे ने कहा कि संसार में हरकोई शक्ति को मानता है चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो ।

 

 

 

 

 

ब्यास जी के साथ मंच पर कीर्तन मण्डली में जगदीश लोहनी, प्रभाकर जोशी, एवं सूरज थे ।
कथा प्रारम्भ होने से पूर्व आज सुबह डा. भुवन चन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन में यज्ञाचार्य पंडित आचार्य खष्टाबल्लभ पाठक ने यज्ञ मंडप में नित्य पूजा कराई जिसमें मुख्य यजमान राकेश पाण्डे, नेत्रबल्लभ जोशी एवं मुकेश भट्ट रहे । पूजा अर्चना में पण्डित उमेश चन्द्र त्रिपाठी, विनय जोशी, देशदीपक त्रिपाठी, राकेश काण्डपाल, एवं शुभम पन्त थे ।
डा. भुवन चन्द्र त्रिपाठी के निर्देशन एवं मन्त्रोचारण में हुए विश्वशान्ति यज्ञ में मुख्य यजमान राकेश पाण्डे , नेत्रबल्लभ जोशी, मुकेश भट्ट, मनीश जोशी, योगेंद्र जोशी, जगदीश तिवारी आदि ने आहुति अर्पित की ।
जगदम्बा मन्दिर समिति के अध्यक्ष उमेश चन्द्र पाण्डेय, सचिव विनोद(अन्ना) पाण्डेय, रमेश चंद्र पाण्डे, सौरभ भट्ट , कमल उप्रेती ,पंकज बोरा , एन सी तिवारी, अंकित बिष्ट, चन्द्र शेखर जोशी, सहित दर्जनों श्रोता उपस्थित थे ।

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