समायोजित पदोन्नत शिक्षक नाराज 25 जून से शिक्षा निदेशालय में देंगे धरना
समायोजित पदोन्नत शिक्षकों को 14 वर्ष से चयन प्रोन्नत वेतनमान नहीं मिलने से नाराज शिक्षकों का 25 जून से शिक्षा निदेशालय ननूरखेडा में धरना उसी दिन आगे की रणनीति होगी तय,
शिक्षा विभाग के दोहरे मापदंड से प्रभावित राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच के बैनर तले 25 जून से निदेशालय में धरना पर जुटेंगे वंचित शिक्षक, शिक्षकों का कहना है कि 14 वर्ष बीत गए मगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा एक तरफ शिक्षा विभाग कहता है कि आप लोगों के साथ अन्याय हो रहा है आपको चयन प्रोन्नत वेतनमान मिलना चाहिए दूसरी तरफ कहता है आपकी फाइल शासन में लम्बित है फाइल संख्या 09/ 07/ 20 आखिर 14 वर्ष से पैंडिंग क्यों है, जो शिक्षक माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल जाकर वाद दाखिल कर रहे हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत करते जा रहें हैं लेकिन जो शिक्षक विभागीय अधिकारियों के उत्पीड़न के विरूद्ध भी नहीं जाकर ईमानदारी से दुर्गम अतिदुर्गम विद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे हैं
और न्यायलय में नहीं गये आज उन्हीं वंचित शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है एक विभाग में समान कार्य और समान वेतनमान में अधिकारी दोहरा मापदंड अपना रहें हैं,विभागीय अधिकारियों के दोहरे मापदंड को स्पष्ट देखा जा सकता है वर्ष 2009 में जितने शिक्षक बेसिक से इण्टर कालेज में आये उनको समायोजन नाम से पुकारा गया, वहीं शैक्षिक योग्यता धारी शिक्षक वर्ष। 2014 में बेसिक से इण्टर कालेज में आये तो उनको पदोन्नत बता दिया, जब आर्थिक लाभ एक रूपए का नहीं है तो पदोन्नति किसको मिलेंगी पदोन्नति शब्द को भी माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा स्पस्ट कर दिया गया है
कि वर्ष 2009 में आये शिक्षकों की भांति ही पदोन्नन शिक्षकों को पदोन्नत न मानते हुए मर्जर अथवा समायोजन माना जाएगा 28 अगस्त को साफ आदेश, पश्चात माद्यमिक शिक्षा अनुभाग सचिवालय द्वारा शिक्षा सचिव को फाइल संख्या 09 07 20 में साफ लिखा है कि समायोजित पदोन्नत एवं विभागीय परीक्षा भर्ती शिक्षक जो समान वेतन पर कार्यरत हैं ऐसे शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत किया जाएगा, उसके बाद फाइल न्याय गोपन से लौटकर वित्त सचिव तक आ चुकी, लेकिन पूर्व वित्त सचिव एवं वर्तमान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी जी के द्वारा जारी शासनादेश संख्या 463/ 22 फरवरी 2010 में स्पष्ट कहा है कि सेवा नहीं जोड़ने से कार्मिको को नुक्सान होता है, इसलिए सेवाएं जोड़ी जायेगी, सचिवालय प्रशासन सहित सभी विभागों की सेवाएं जोड़ी गई है तब उनको चयन प्रोन्नत वेतनमान एवं एसीपी का लाभ दिया गया है, शिक्षा विभागीय अधिकारी अपने विवेक का ऐसा करिश्मा कर रहे हैं कि जो शिक्षक माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल से आदेश लाते जा रहे हैं,
विभागीय अधिकारी अपनी नौकरी बचाए रखने,अवमानना के डर से चयन प्रोन्नत वेतनमान स्वीकृत करते जा रहे हैं,अब परिस्थिति ऐसी उत्पन्न हो गई है,4000 शिक्षकों में से अधिकांश शिक्षकों को मान,उच्च न्यायालय से नैर्सैगिक न्याय प्राप्त हो चुका है कुछ शिक्षकों को पूर्व में अधिकारियों ने धुप्पल में दे दिया बाद में गलत दिया कहकर वसूली अभियान चलाया गया, ऐसे कुछ 500 लगभग शिक्षक स्टे पर चलकर चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ ले रहे हैं, कुछ 100–50 शिक्षकों को अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करते हुए प्राप्त हो चुका है, जो बिना कोर्ट गये हुए,बीच के पतले रास्ते से निकल गये,अब निदेशालय के अधिकारी खुलेआम कहते हैं कि कोर्ट आप भी जाइयेगा हम आपको भी दे देंगे, ऐसा लगता है इस विभाग में शिक्षक कम भिकारी अधिक हो गये हैं,
एक जायज सवाल यह है यदि प्राथमिक जूनियर हाईस्कूल से बेसिक के शिक्षक 4800 चयन प्रोन्नत वेतनमान लेकर आ रहे हैं विभाग के पास अगले 10 वर्ष में उनको कौन सा चयन प्रोन्नत वेतनमान देंगे यह यक्ष प्रश्न चिह्न है, इसलिए राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिगम्बर फुलोरिया ने साफ कहा है कि जब सबको कोर्ट में ही जाना है तो विभागीय अधिकारियों की जरूरत क्या है निदेशालय में , सरकार पर बेमतलब का आर्थिक बोझ क्यों बने हुए हैं, फौज को तत्काल हटाकर एक शिक्षा निदेशक एक ही निदेशालय बना दिया जाय यदि समायोजित पदोन्नत शिक्षक जूनियर और प्राथमिक में ही रहते और स्नातक प्रशिक्षित योग्यता धारी नहीं भी होते तब भी बिना मांगे चयन प्रोन्नत वेतनमान मिल चुका होता,अब शिक्षा विभाग की तानाशाही से आजिज,आक्रोशित शिक्षको ने 25 जून से निदेशालय ननूरखेडा में धरना लगा दिया है
उसके बाद उसी दिन आगे की रणनीति तैयार कर दी जायेंगी बार बार तनावग्रस्त होने से अच्छा है एक बार में स्पष्ट हो जायेगा कि 14 वर्ष से अन्याय करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी व जवाबदेही के लिए आख़िर शिक्षकों का कितना दोष है, जो बेसिक शिक्षा छोड़कर इण्टर कालेज में 100% रिजल्ट दे रहे हैं अब अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे,समायोजित पदोन्नन विभागीय परीक्षा भर्ती शिक्षकों का आह्वान किया गया है कि जो शिक्षक चयन प्रोन्नत वेतनमान से पीड़ित वंचित और शोषित हैं वे 25 जून से अपने हक के लिए शिक्षा निदेशालय में जुटेंगे।
दिगम्बर फुलोरिया प्रदेश अध्यक्ष राजकीय एल टी समायोजित पदोन्नन शिक्षक संघर्ष मंच उत्तराखंड