सितारगंज हाईवे फोरलेन बनने से आसान होगा नैनीताल का सफर, अगले तीन महीने से निर्माण शुरू होने की उम्मीद

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बरेली से सितारगंज तक 71 किलोमीटर हाईवे अगस्त 2025 तक फोरलेन हो जाएगा। हाईवे पर आठ बाईपास बनेंगे ताकि वाहनों को आबादी क्षेत्र से न गुजरना पड़े। वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार भर सकेंगे।

उत्तराखंड के लिए मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी

बरेली और आसपास के लोगों को नैनीताल के साथ पूरे उत्तराखंड के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। नानकमत्ता का सफर आसान हो जाएगा। इसके लिए 2857 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं।

 अब बिना आबादी में घुसे नैनीताल का सफर होगा आसान

इस समय लोग बरेली से किच्छा, हल्द्वानी होते हुए नैनीताल का सफर कर रहे हैं, लेकिन यह मार्ग बनने के बाद लोग बरेली से सितारगंज होते हुए हल्द्वानी तक पहुंचेंगे। हल्द्वानी शहर में घुसे बिना बाईपास से काठगोदाम होते हुए नैनीताल पहुंच जाएंगे। पूरे मार्ग में आठ स्थानों पर आबादी के बीच से वाहन गुजरते हैं।

अगले तीन महीने से शुरू होगा कार्य

कई बार लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। इन स्थानों पर आठ बाईपास प्रस्तावित हैं। इससे सफर में करीब एक घंटे का समय बचेगा। अगले तीन महीने में काम शुरू हो जाएगा। अनुबंध के बाद ढाई वर्ष में निर्माण पूरा कराया जाएगा। इस विषय में एनएचएआई, कार्यदायी संस्था से अनुबंध करेगी।

ढाई वर्ष तक इस कार्य को पूरा करने का है अनुमान

एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर बीपी पाठक ने बताया कि बरेली-सितारगंज के बीच फोरलेन बनने से यातायात को रफ्तार मिलेगी। ढाई वर्ष में काम पूरा हो जाएगा। फोरलेन बनने से यूपी और उत्तराखंड के लोग लाभान्वित होंगे। कारोबार को भी फायदा मिलेगा।

रिपोर्टर-रोशनी बिष्ट

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