धर्म – चैत्र नवरात्रि कैसे करे पूजा पंडित मनोज त्रिपाठी

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उत्तराखंड: चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तृतीय स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा को राक्षसों की वध करने वाली माता भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते
पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आज जो भी साधक हैं जो घरस्त हैं उन लोगों का मन मणिपूर चक्र में स्थापित होता है ।मां का ऐसा स्वरूप बहुत ही सुंदर रुप है गोरा रंग है मां का लेकिन हल्का श्यामा वर्ण लिए हुए ऐसी मां की मन में धारणा करते हुए आज जो व्यक्ति पूजन करता है मां उसके दांपत्य जीवन के सुखों में वृद्धि करती है । उन्होंने कहा कि जो लोग शत्रुओं से परेशान होते हैं तो जैसे घंटे की ध्वनि होते ही सभी प्रकार के किट और जीव समाप्त हो जाते हैं इसी प्रकार आज के दिन मां का पूजन करने वाले व्यक्ति के शत्रुओं का नाश हो जाता है माता को दही और हलवे का भोग अतिप्रिय होता है। मां को भोग लगाने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

पंडित मनोज त्रिपाठी महंत नारायणी शिला मंदिर

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