Uttarakhand News:ट्रेजरी अधिकारी बनकर रिटायर्ड कर्मचारियों से साइबर ठगी करने वाले आरोपी को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

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रिटायर्ड स्वास्थ्य अधिकारी के साथ फर्जी ट्रेजरी ऑफिसर बनकर फंड रिलीज कराने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने वाले साइबर ठग को देहरादून साइबर पुलिस की टीम ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। साइबर पुलिस की टीम ने पकड़े गए साइबर ठग से कई डेबिट-क्रेडिट्स कार्ड्स, बैंक पासबुक, चेक बुक और मोबाइल फोन बरामद किया है। आरोपी पहले ट्रक चालक था।

🔹जाने मामला 

देहरादून साइबर पुलिस के मुताबिक, अक्टूबर 2022 में साइबर ठगी का एक मामला कोतवाली हल्द्वानी जिला नैनीताल में दर्ज किया गया था।इसमें रिटायर्ड स्वास्थ अधिकारी द्वारा स्वयं के साथ 10 लाख 50 हजार 400 रुपए की धोखाधड़ी किए जाने के बारे में शिकायत की गई थी। रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि उनके साथ साइबर ठग द्वारा ट्रेजरी अधिकारी बनकर रिटायरमेंट पर प्राप्त होने वाले फंड आदि की जानकारी लेकर मोबाइल पर लिंक भेजकर धोखाधड़ी से धनराशि ट्रांसफर करा ली गई।पीड़ित की तहरीर के आधार पर नैनीताल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया था।

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🔹यूपी से किया गिरफ्तार

इसके बाद साइबर पुलिस टीम ने डिजिटल सबूत और एटीएम फुटेज इकट्ठा करके घटना के मुख्य आरोपी अभिषेक शॉ निवासी कोलकता को पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा। जबकि इसी मामले में एक अन्य आरोपी विशाल सिंह निवासी जिला इटावा (उत्तर प्रदेश) की तलाश जनवरी 2023 से की जा रही थी। जिसके लिए एसटीएफ द्वारा काफी समय से अलग-अलग राज्यों में दबिश भी दी गई. इसी के साथ शनिवार को साइबर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर फरार आरोपी विशाल सिंह को इटावा से गिरफ्तार किया।

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🔹रिटायरमेंट फंड और ग्रेच्युटी दिलाने के नाम पर ठगी

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि आरोपी विशाल सिंह अपने साथी अभिषेक शॉ के साथ मिलकर फर्जी ट्रेजरी अधिकारी बनकर सरकारी नौकरी से रिटायर्ड कर्मचारियों से उनके रिटायरमेंट फंड और ग्रेच्युटी दिलाने के नाम पर ठगी करता है. ठगी के रुपयों को अलग-अलग बैंक खातों से प्राप्त करता है. दोनों ही आरोपी ठगी करने के लिए फर्जी सिम, फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल और फर्जी खातों का प्रयोग करते हैं।