अल्मोड़ा के 120 से अधिक गांवों में 500 से अधिक पशु बीमार,22 टीम जुटी इलाज में

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सोमेश्वर,मौलेखाल। जिले में लंपी वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले के 120 से अधिक गांवों में 500 से अधिक जानवर लंपी वायरस से ग्रसित हैं। अब तक 20 से अधिक जानवरों की मौत हो चुकी है।बावजूद इसके पशुपालन विभाग दवा की कमी से जूझ रहा है जिसकी मार पशुपालकों पर पड़ रही है। लंपी वायरस से सबसे अधिक प्रभावित सोमेश्वर और सल्ट क्षेत्र के किसान बाजार से दवा खरीद रहे हैं। 

सोमेश्वर के निरई, सिमखोला, बजेल, कोटुली, रनमन, पाया, अर्जुनराठ, टाना, मल्ला खोली, रतुराठ, पल्यूड़ा, हट्यूड़ा सहित 80 से अधिक गांवों में 300 से अधिक जानवर लंपी वायरस से ग्रसित हैं। पैसिया, झिमार, बिरलगांव, कालीगाड़, मसनियाबांज, गड़कोट, भीताकोट सहित 40 से अधिक गांवों में 200 से अधिक जानवर इसकी चपेट में हैं। टीकाकरण के बाद भी जानवर इससे उबर नहीं पा रहे हैं जिससे किसान मायूस और परेशान हैं। वहीं पशुपालन विभाग दवा की कमी से जूझ रहा है।

•लंपी वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में स्थित पशु

अस्पतालों में बुखार, एलर्जी की दवा और एंटीबायोटिक की भारी कमी है। हालात यह हैं कि सल्ट और सोमेश्वर में पशु चिकित्सकों के पास ये दवा उपलब्ध नहीं है और बाहर से दवा मंगवाना उनकी मजबूरी बन गया है। विभाग को दवा कब मिलेगी और पशुओं का उपचार कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 

•अब तक 20 से अधिक जानवरों की हो चुकी है मौत 

पशुपालन विभाग के मुताबिक जिले में लंपी वायरस से अब तक 20 से अधिक जानवरों की मौत हुई है। वहीं दुग्ध संघ के मुताबिक लंपी वायरस से मरने वाले पशुओं की मौत का आंकड़ा 120 से अधिक है। अब भी जिले भर में कई जानवर इसकी चपेट में हैं। संवाद 

•22 टीम जुटी हैं इलाज में 

लंपी वायरस से निपटने और इससे जानवरों को सुरक्षित बचाने में पशुपालन विभाग की 22 टीम जुटी हैं। जिले में अब तक 80 हजार से अधिक जानवरों का टीकाकरण हो चुका है जबकि विभाग को 160000 जानवरों का टीकाकरण करना है। संवाद 

पशु चिकित्साधिकारी श्वेता यादव ने कहा लंपी वायरस की चपेट में आए जानवरों का इलाज किया जा रहा है। टीकाकरण अभियान भी चल रहा है। विभाग तत्परता से काम कर रहा है। 

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. उदयशंकर ने कहा जिले में जल्द ही पर्याप्त दवा पहुंचेगी। लंपी वायरस से निपटने के लिए गंभीरता से प्रयास हो रहे हैं। समय रहते इलाज मिलेगा तो जानवर सुरक्षित रहेंगे। इसके लिए लोगों को जागरूक होना होगा

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