National News :AI टूल से हमास के आतंकियों पर प्रहार कर रहा इजरायल! गाजा पर हवाई हमलों में अब तक 14 हजार से अधिक लोगों की मौत

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इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम खत्म होने के बाद गाजा में लड़ाई फिर से शुरू हो गई. लड़ाई फिर से शुरू होने के बाद पहले कुछ मिनटों में ही हताहतों की बड़ी संख्या दर्ज की गई. 7 अक्टूबर के घातक हमले के बाद इजरायल ने हमास को उखाड़ फेंकने की कसम खाई थी.

हमास के हमले में 1,400 लोग मारे गए थे. जबकि गाजा में इजरायली हवाई हमलों में 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि गाजा में इजरायल के चौतरफा जमीनी और हवाई हमले ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग को फिर से सबकी निगाह में ला दिया है.

💠11 दिनों की इस लड़ाई को ‘पहले एआई युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है

इससे पहले 2021 में इजरायल ने गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपना आक्रामक अभियान ‘ऑपरेशन गार्डियंस ऑफ द वॉल’ शुरू किया था. 11 दिनों की इस लड़ाई को ‘पहले एआई युद्ध’ के नाम से भी जाना जाता है. जिसमें एआई उपकरणों से जुटाए गए डेटा का उपयोग गाजा में चुनिंदा निशानों पर हमला करने के लिए किया गया था. इस बार भी जंग में इजरायल की सेना (IDF) गाजा में अपने निशानों के चुनाव और सटीक हवाई हमले करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर रही है. ‘गॉस्पेल’, ‘अलकेमिस्ट’ और ‘डेप्थ ऑफ विजडम’ जैसे सिस्टम, जो पहले इस्तेमाल किए जाते थे, अब उनकी वापसी हो गई है.

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‘गॉस्पेल’ जैसे सिस्टम का उपयोग ऑटोमेटिक उपकरणों से तेज रफ्तार से ठिकानों को निशाना बनाने में किया जा रहा है. इनसे जरूरत के मुताबिक सटीक और उच्च गुणवत्ता वाली खुफिया सामग्री में सुधार करके काम किया जाता है. एआई की मदद से यह जासूसी टेक्नोलॉजी और किसी शख्स के जरिये पहचान किए गए निशानों के बीच पूरी तरह मिलान करता है. 2021 की लड़ाई में ह्यूमन इंटेलिजेंस, विज़ुअल इंटेलिजेंस और सिग्नल इंटेलिजेंस से डेटा जुटाया जाता है और सटीक हमलों के लिए डेटा बनाने में मदद करने के लिए सिस्टम में फीड किया जाता है. उपग्रहों, जमीनी खुफिया जानकारी और निगरानी से हासिल सभी डेटा इन प्रणालियों में शामिल किया जाता है.

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💠हमले के लिए ठिकानों की संख्या में बढ़ोतरी एआई से तैयार डेटा के कारण है.

आईडीएफ ने 2 नवंबर को दावा किया था कि 27 दिनों की लड़ाई में 12,000 से अधिक टारगेट को निशाना बनाया गया. जिसका मतलब है कि एक दिन में लगभग 444 निशानों पर हमला किया गया. हमले के लिए ठिकानों की संख्या में बढ़ोतरी एआई से तैयार डेटा के कारण है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गॉस्पेल’ स्वचालित दर से हमले के लिए ठिकाने तय कर सकता है. यह एआई सिस्टम निश्चित रूप से ‘सामूहिक हत्या कारखाना’ की सुविधा प्रदान करती है. आगामी हमले के ठिकानों को फायर फैक्ट्री नामक एक अन्य एआई मॉडल के साथ तेजी से इकट्ठा किया जा सकता है.

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