National News भारत-कनाडा मुक्त व्यापार समझौता वार्ता रुकी रहेगी, इन वजहों से लग गया ब्रेक

ख़बर शेयर करें -

भारत और कनाडा के बीच मुक्त व्यापार समझौत वार्ता (Free Trade Agreement Negotiations) रुक गई है। कनाडा में कुछ राजानीतिक घटनाक्रमों के कारण ये वार्ता रुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित जब इन मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा तब एक बार फिर से ये वार्ता शुरू की जाएगी।

💠भारत-कनाडा के बीच मुक्त व्यापार वार्ता रुकी- सूत्र

कानाडा में राजनीतिक घटनाक्रम के कारण लगी रोक

एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक मुद्दों के समाधान के बाद भारत और कनाडा के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू होगी। 2 सितंबर को कनाडा ने घोषणा की कि उसने समझौते के लिए बातचीत रोक दी है।

💠’कनाडा में राजनीतिक घटनाक्रम पर भारत ने जताई आपत्ति’

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:पेटशाल के जंगल में आग की सूचना पर फायर स्टेशन अल्मोड़ा की त्वरित कार्रवाई- आग पर पाया नियंत्रण

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “कनाडा में कुछ राजनीतिक घटनाक्रम हुए, जिन पर भारत ने आपत्ति जताई है। भारत ने इन राजनीतिक घटनाक्रमों के खिलाफ कड़ी नाराजगी दिखाई है, और इसलिए, फिलहाल, जब तक ये राजनीतिक मुद्दे सुलझ नहीं जाते, हमने बातचीत रोक दी है।”

💠उन्होंने कहा, “लेकिन जैसे ही ये राजनीतिक मुद्दे सुलझ जाएंगे, बातचीत फिर से शुरू हो जाएगी। इसलिए, यह केवल एक विराम है।”

💠आपको बता दें कि 10 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में चरमपंथी तत्वों की निरंतर भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में भारत की मजबूत चिंताओं से अवगत कराया, जो अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे थे। अपने राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे थे और वहां भारतीय समुदाय को धमकी दे रहे थे।

यह भी पढ़ें 👉  Almora News:ताड़ीखेत में उमड़ा जनसैलाब: मुख्यमंत्री धामी ने आयुष विभाग की सेवाओं को सराहा, 377 मरीजों को मिली मुफ्त दवाएं

💠दोनों देशों के बीच 6 बार से ज्यादा हो चुकी है वार्ता

व्यापार समझौते पर देशों के बीच अब तक आधा दर्जन से अधिक दौर की बातचीत हो चुकी है। पिछले साल मार्च में, दोनों देशों ने एक अंतरिम समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू की, जिसे आधिकारिक तौर पर प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौता (Preliminary Progress Trade Agreement) का नाम दिया गया।

💠ऐसे समझौतों में, दो देश अपने बीच व्यापार की जाने वाली ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क को काफी कम या खत्म कर देते हैं। साथ ही सेवाओं और व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए नियमों को आसान किया जाता है.