Nainital News:कुमाऊं की लाइफ लाइन भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर यात्रियों को तीन महीने तक और झेलनी पड़ेगी जाम की दिक्कत

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ज्योलीकोट-भवाली-अल्मोड़ा हाईवे दो साल पहले की आपदा से जगह जगह क्षतिग्रस्त हो गया था। इससे एनएच विभाग को करोड़ों रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। हाईवे के क्षतिग्रस्त होने से अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले की ओर आवाजाही करने वाले वाहन चालकों, यात्रियों और सैलानियों को दो साल से रोजाना घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है।हालांकि एनएच विभाग की ओर से क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। लेकिन सड़क पर रोजाना एक से दो किमी तक जाम की समस्या बनी हुई है। 

🔹दो साल पहले आई थी आपदा

ज्योलीकोट से काकड़ीघाट तक वर्ष 2021 में आपदा के चलते कैंची, पाडली, रातीघाट, रामगाड़, झूलापुल गरमपानी, भौर्या मोड़, लोहाली, नावली, काकड़ीघाट तक सड़क जगह-जगह टूट गई और इससे रोजाना लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ता है। इस पर एनएच विभाग 30 करोड़ की लागत से सड़क की मरम्मत, डामरीकरण और चौड़ीकरण का काम कर रहा है। 

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🔹तीन महीने और झेलनी पड़ेगी दिक्कत

भवाली-अल्मोड़ा हाईवे पर सड़क चौड़ीकरण, डामरीकरण, टूटी दीवारें और झूलापुल गरमपानी में पहाड़ी के कटान का काम 25 जनवरी 2024 तक पूरा किया जाना है। इसके बाद एनएच विभाग और ठेकेदार निर्माण कार्य में लगे हैं।

🔹कुमाऊं की लाइफ लाइन है अल्मोड़ा हाईवे

भवाली-अल्मोड़ा हाईवे को कुमाऊं की लाइफ लाइन कहा जाता है। लेकिन बरसात में पहाड़ी से मलबा, पत्थर गिरने से आए दिन वाहन चालकों में हादसों का भय बना रहता है। उक्त मार्ग में पहाड़ी से पत्थर वाहनों के ऊपर गिरने से कई यात्रियों की जान जा चुकी हैं और कई घायल हो चुके हैं। इस मार्ग से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत, रानीखेत, हल्द्वानी, नैनीताल, दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार, गुरुग्राम, बरेली, लखनऊ, भीमताल, बेतालघाट, भवाली के हजारों यात्री रोजाना आवाजाही करते हैं।

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आपदा में हुए नुकसान के बाद सड़क की मरम्मत के लिए भारत सरकार से 30 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। ज्योलीकोट से लेकर काकड़ीघाट तक डामरीकरण, टूटी दीवारों की मरम्मत, झूलापुल गरमपानी में पहाड़ी कटान के साथ भौर्या मोड़ तक 25 जनवरी 2024 तक निर्माण कार्य पूरे किए जाने हैं- रमेश चंद्र पांडे, एई, एनएच नैनीताल