Nainital News:बेखौफ हो चुके तस्करों ने एक बार फिर चंदन का पेड़ काटा,वन विभाग मामले की जांच में जुटा

उत्तराखंड अपनी अनमोल वन संपदा के लिए अलग पहचान रखता है, लेकिन लकड़ी माफिया बड़े पैमाने पर कीमती लकड़ियों को काटकर प्रदेश की वन संपदा को खत्म करने में जुटे हैं।तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें न तो वन विभाग का खौफ है, न ही कार्रवाई का डर।
🔹एक से ज्यादा तस्कर होने की संभावना
तस्कर वन विभाग की चौकी में लगे चंदन के पेड़ को काट दिया। रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि चंदन का पेड़ 10 साल पुराना था।वन कर्मचारियों को लकड़ी तस्करों का पता लगाने के लिए दो दिन का समय दिया है।वन विभाग मामले की जांच में जुट गया है। दो दिन बाद मामले का खुलासा होने की उम्मीद है।घटना में एक से ज्यादा तस्कर होने की संभावना जताई जा रही है।
🔹वन विभाग की चौकी से चंदन का पेड़ गायब
दो दिन पहले लकड़ी तस्कर चंदन के पेड़ को रातों-रात काट कर ले गए. बताया जाता है कि चौकीदार भी चौकी में सोया था।अगले दिन सुबह चंदन का पेड़ गायब मिला।वन महकमा घटना को छिपाने में लग गया. चंदन के पेड़ की जड़ को निकालने की नाकाम कोशिश की गई।जड़ नहीं निकलने पर मिट्टी से ढंकने का प्रयास किया गया. तब तक खबर बाहर आ चुकी थी।घटना मीडिया की सुर्खियों में छाने लगी. वन विभाग के अधिकारियों की नींद टूटी।
🔹रामनगर में लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद
किरकिरी होने के बाद रामनगर वन प्रभाग ने अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कराया है. माना जा रहा है कि रेकी के बाद पेड़ काटने की घटना को अंजाम दिया गया. रामनगर वन प्रभाग की चौकी से कुछ दूरी पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का कार्यालय है. उसके बराबर में रामनगर वन प्रभाग भी कार्यालय है. आसपास काफी भारी संख्या में आबादी रहती है. रामनगर वन प्रभाग में काम करने वाले कर्मचारियों काआवास भी है. ऐसे में सुरक्षित जगह से चंदन के पेड़ को काट कर ले जाना और किसी को कानों कान खबर नहीं होना अपने आप में गंभीर सवाल पैदा करता है. मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद वन विभाग की नींद टूटी है।