Math Olympiad: भारतीय छात्रों ने देश का नाम किया रोशन, मैथ ओलंपियाड में जीते 6 स्वर्ण पदक
जापान के चिबा में इस साल इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड का आयोजन किया गया।2 जुलाई से 13 जुलाई के बीच ये प्रतियोगिता थी।PIB से मिली जानकारी के मुताबिक, बेंगलुरू के अतुल शातावर्त नादिग और नई दिल्ली के अर्जुन गुप्ता ने गोल्ड मेडल हासिल किया।
गुवाहाटी, असम के आनंदा भादुरी ने और पुणे, महाराष्ट्र के सिद्धार्थ ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया।पुणे के ही आदित्य मानगुडी वेंकट गणेश और हैदराबाद के अर्चित मानस ने ब्रॉन्ज़ जीता।
🔹चौथी बार टॉप 10 में आया भारत
चौथी बार भारत इस प्रतियोगिता में टॉप 10 आया। इससे पहले 1998 में भारत ने इंटरनेशनल मैथ ओलंपियाड में 7वां रैंक हासिल किया था. 2001 में भी भारत ने 7वां रैंक पाया।2002 में भारत 9वें रैंक पर था और इस साल भी 9वें रैंक पर रहा।2001 और 2012 के ओलंपियाड में भी भारतीय छात्रों ने दो गोल्ड मेडल जीते थे
🔹कैसे चुने जाते हैं इंटरनेशनल प्रतियोगिता के प्रतिभागी?
The Indian Express को गोल्ड मेडलिस्ट अर्जुन गुप्ता ने बताया कि ओलंपियाड के कई लेवल होते हैं। रिजनल, नेशनल. कुछ सेलेक्शन टेस्ट्स भी होते हैं जिसमें देशभर के कई छात्र हिस्सा लेते हैं. इसके बाद देशभर के 60 छात्रों को मुंबई में मैथ कैम्प में बुलाया जाता है। जहां से इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए छात्र चुने जाते हैं।होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन में छात्रों को इंटरनेशनल ओलंपियाड के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. यहीं से कई इंटरनेशनल ओलंपियाड (फ़िज़िक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी और मैथ) चुना जाता है. HBCSE द्वारा नेशनल ओलंपियाड एग्ज़ामिनेशन करवाया जाता है और कई स्टेजेस में परीक्षा होती है.