जागेश्वर के जंगलों में लीसे का हो रहा है अवैध दोहन

अल्मोड़ा। जिले में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही जागेश्वर के जंगलों से लीसा दोहन शुरू हो गया है। टेंडर वन विभाग की फाइलों में दबे हैं और कुछ लोगों ने अनुमति के बिना ही जागेश्वर रेंज के पांच से अधिक वन क्षेत्रों में जंगलों में लीसा दोहन के लिए चीड़ के पेड़ों पर घाव लगाए गए हैं।इससे चिंतित लोगों ने वन विभाग के सिविल सोयम कार्यालय पहुंचकर डीएफओ को पत्र सौंपा। इसमें मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है।
जाने पूरा मामला
जिले के जंगलों में लीसा दोहन के लिए कुछ दिन पूर्व टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। ठेकेदारों ने टेंडर सिविल सोयम कार्यालय में जमा किए हैं लेकिन अभी टेंडर खोले नहीं गए हैं। इसके बावजूद जागेश्वर रेंज के चोपड़ा, ध्रुक देवी, पपोली, सेलाकोट, रगोड़ीकोट वन क्षेत्र में लीसा दोहन शुरू हो गया है। वहां बिना अनुमति के लीसा दोहन के लिए चीड़ के पेड़ों पर आठ हजार से अधिक घाव लगाए गए हैं जिसका इसका खुलासा कुछ लोगों ने किया है।
जंगलों में लीसा दोहन शुरू होना चर्चा का विषय बना
चिमखी निवासी हरीश चंद्र पांडे के साथ आए लोगों ने सिविल सोयम के डीएफओ कार्यालय में पत्र सौंपा। इसमें हरीश ने बताया कि लीसा दोहन के लिए उन्होंने भी टेंडर डाले हैं। यह टेंडर वन विभाग की फाइलों में जमा हैं। यह प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही जंगलों में लीसा दोहन शुरू होना चर्चा का विषय बना है। उन्होंने मुख्य वन संरक्षक और वन संरक्षक को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है।
किसी को नहीं दी गई लीसा दोहन की अनुमति
निविदा न होने पर वन विभाग लीसा दोहन के लिए लॉटरी के जरिये भी अनुमति देता है लेकिन सिविल सोयम के डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया ने बताया कि अभी लीसा दोहन की अनुमति किसी को नहीं दी गई है। इससे जागेश्वर रेंज के जंगलों में अवैध तरीके से लीसा दोहन का आरोप है लेकिन विभाग को इसका पता नहीं है।