गलत को गलत कहने के लिए उठी आवाज को अगर यूं दबा दिया तो फिर बोलेगा कौन ? रमेश चंद्र पाण्डे,

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गलत को गलत कहने के लिए उठी आवाज को अगर यूं दबा दिया तो फिर बोलेगा कौन ? बच्चों को घरों में छोड़कर राज्य प्राप्ति के आन्दोलन में भागीदारी करने वाले माता पिता अब बूूडे हो गये हैं और आन्दोलनों से जन्में उत्तराखंड राज्य के साथ ही वो बच्चे भी अब युवा हो गये हैं ।

 

 

 

 

 

 

 

युुवा राज्य के इन्हीं युवाओं द्वारा रोजगार देने में हुई धांधली के खिलाफ आवाज उठाई तो लाठियों से लहुलुहान कर उन्हें जेल में डाल दिया और उनके जो संगे साथी जेेल से रिहाई की मांग को लेकर सड़क व शहीद स्थल पर धरने में है उन्हें भी कानूनी भय दिखाकर हटाने के प्रयास हो रहे हैं ।
जेल में डाले गये बेरोजगारों में से एक लुशुन जो राज्य प्राप्ति आन्दोलन के संघर्ष में हमारे अभिन्न साथी वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय राजेन्द्र टोडरिया जी का सुपुत्र है , के बारे में सुनकर बहुत भावुक हैं । राज्य के बुनियादी सवालों को लेकर हर पल चिन्तनशील , संघर्षशील ,

 

 

 

 

 

 

 

प्रखर लेखनी के धनी टोडरिया जी के साथ बिताए संघर्ष के दिनों को याद करते हुए आज भाभी स्मिता जी ( लुशुन की माॅ ) जो सदैव स्वंय भी समर्पित होकर संघर्षरत रही , से आज दूरभाष पर विस्तृत वार्ता हुई । हमने उनको प्यार के दिन के इस प्यारे संदेश की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वाले लुशुन व उसके साथियों पर हमें गर्व है और सब बच्चे हमारे लिए हमारे बेटे केतन जैैसे ही हैं ।

 

 

 

 

 

आन्दोलनों से जन्में उत्तराखण्ड राज्य में ऐसे अप्रिय आन्दोलनों के प्रति जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने के रुप में “आवाज दो हम एक हैं ” के नारे को धरातल पर साकार करने के लिए जन जन से स्वत:स्फूर्त होकर आगे आने की अपील है ।

 

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