Health Tips:सभी उम्र की महिलाओं के लिए जरूरी होते हैं ये विटामिन और मिनरल्स, जाने फायदे एवं खाद्य स्रोत
किशोरावस्था से जवानी तक महिलाएं अलग-अलग भूमिकाएं निभाती हैं। इस दौरान संतुलित आहार और जरूरी पोषण नजरअंदाज होने की काफी आशंका होती है। इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को अनदेखा करने से बाद में कई लंबी बीमारी घेर सकती हैं। इसलिए मल्टीविटामिन और सप्लीमेंट के जरिए पोषण लेना जरूरी हो जाता है, जिससे जिम्मेदारियों के बाद भी सेहत सही रहे।
🔹आइए जानें विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत
🔹आयरन है जरूरी
शरीर में आयरन कई काम के लिए जरूरी होता है। इस पोषक तत्व की कमी लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को कम कर सकती है और एनीमिया पैदा कर सकती है। जानवरों का लिवर, मांस, और गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां और अन्य खाद्य स्रोत में भरपूर आयरन होता है, लेकिन उन महिलाओं को इसके सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, जो पहले से ही खून की कमी या गर्भावस्था से गुजर रही हैं।
🔹कैल्शियम होता है जरूरी
कैल्शियम हड्डियों और दांतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ भी हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम आवश्यक होता है। एक जवान महिला को रोजाना 2 गिलास दूध पीने की जरूरत होती है, मगर भागदौड़ में डाइट से पर्याप्त कैल्शियम लेना मिस हो जाता है। कैल्शियम सप्लीमेंट की एक गोली से शरीर के लिए जरूरी 500mg कैल्शियम मिल जाता है।
🔹विटामिन डी3
जिन महिलाओं को पर्याप्त विटामिन डी3 नहीं मिलता है, उन्हें इसे कैप्सूल के रूप में सेवन करने की सलाह दी जाती है। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने, हड्डियों और मसल्स की ताकत और कैल्शियम के इस्तेमाल के लिए विटामिन डी3 जरूरी होता है। मगर पर्याप्त धूप होने के बावजूद भारतीयों में इसकी कमी देखी जाती है, जिसके पीछे डाइट से इसका ना मिल पाना मुख्य वजह है। इसलिए विटामिन डी3 सप्लीमेंट से इस कमी को पूरा किया जा सकता है।
🔹फोलेट
नई सेल्स और टिश्यू के निर्माण के लिए यह वॉटर सॉल्यूबल विटामिन बी जरूरी होता है। यह पोषक तत्व रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन और दिमागी कामकाज में भी मदद करता है। इसे लेने से भ्रूण में होने वाली न्यूरल ट्यूब की असामान्यता से बचा जा सकता है। इसलिए महिलाओं को रोजाना 400mcg फोलेट लेना जरूरी माना जाता है, जो कि प्रेगनेंसी में बढ़ जाता है।
🔹कलौंजी का तेल
कलौंजी का तेल काफी फायदेमंद है और ओमेगा फैटी एसिड का नैचुरल सोर्स है। यह परंपरागत रूप से पाचन को बेहतर बनाने, खांसी और जुकाम से राहत देने और सूजन कम करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसे स्किन ब्रेकआउट के लिए भी त्वचा पर लगाया जाता है। इसे लेने का बेहतर तरीका सप्लीमेंट के रूप में है। क्योंकि, इनमें कलौंजी के तेल में मौजूद थाइमोक्विनोन और ओमेगा फैटी एसिड के लेवल को विशेष रूप से बढ़ाया जाता है।
🔹ल्यूटिन, जेक्सैंथिन और Q10 (CoQ10)
ल्यूटिन और जेक्सैंथिन जहां महिलाओं के लिए जरूरी एंटीऑक्सीडेंट हैं, वहीं Q10 (CoQ10) एक एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम है। ल्यूटिन और जेक्सैंथिन आंखों के फंक्शन और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं और Q10 (CoQ10) को दिल के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इन्हें पर्याप्त मात्रा में खाने से पाना थोड़ा मुश्किल होता है, इसलिए एक्सपर्ट इनका सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं।
🔹फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन
यह उन वयस्क महिलाओं के लिए एक जरूरी सप्लीमेंट है, जो प्रत्येक हफ्ते गहरे समुद्र की मछली नहीं खा पाती हैं या शाकाहारी हैं। दिल, दिमाग, आंख, नर्वस सिस्टम और स्किन हेल्थ के लिए ओमेगा-3 की मदद बहुत जरूरी है। जिससे शारीरिक विकास और स्वास्थ्य बना रहे। ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छे अवशोषण से बने फिश ऑयल सप्लीमेंट का सेवन करने की सलाह दी जाती है।