Health Tips: नींद पर ही नहीं सेहत पर भी पड़ता है करवट का असर, जानिए दाईं करवट से क्यों ज्यादा फायदेमंद है बाईं करवट

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सोने का सबका अपना अलग तरीका होता है. किसी को पेट के बल अच्छी नींद आती है तो कोई करवट लेकर और पैर मोड़ कर सुकून की नींद सोता है. कोई दांई करवट लेता है तो कोई बांई करवट लेता है. इन सब में आपकी फेवरेट स्लीपिंग पॉजिशन क्या है. इसका जवाब खुद ही खुद को दें. और ये गौर करें कि कहीं आप दांई यानी कि अपने सीधे हाथ की तरफ करवट लेकर तो नहीं सोते. अगर ऐसा करते हैं तो फिर ये भी जान लीजिए कि उल्टे हाथ की करवट सोने के कितने फायदे हैं. न सिर्फ अच्छी नींद के लिए बल्कि अच्छी सेहत के लिए भी. 

डाइजेशन होगा बेहतर 

बांई करवट लेकर सोना एंटस्टाइन के लिए बहुत अच्छा है. जो लोग बाईं करवट सोते हैं उन्हें एसिड रिफ्लेक्स और हार्ट बर्न की शिकायत कम होती है. साथ ही पैनक्रियाज भी ठीक से अपनी ड्यूटी परफोर्म करता है. 

खर्राटों में कमी 

जिन्हें खर्राटे लेने की खूब आदत है उन्हें भी बाईं करवट सोने की कोशिश करनी चाहिए. इस तरह सोने से नाक का पैसेज क्लीयर रहता है और खर्राटे कम आते हैं. 

दिल रहेगा हेल्दी 

बाईं करवट सोने से हार्ट बर्न में कमी आती है. इसके अलावा दिल की पॉजीशन भी शरीर में बांईं  तरफ ही होती है. बांईं करवट सोने से दिल तक ब्लड का फ्लो ठीक बना रहता है. ऐसा भी कहा जाता है कि बाईं तरफ सोने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. 

दिमाग तक पहुंचती है सही ऑक्सीजन 

बाईं  करवट सोने से शरीर के अलग अलग ऑर्गन्स के अलावा दिमाग तक भी सुचारू ब्लड फ्लो होता है. खून ठीक से मिलता है तो सभी ऑर्गन हेल्दी होने के साथ साथ ठीक से काम भी करते हैं. 

प्रेगनेंट महिलाओं को फायदे 

जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं उन्हें भी बाईं करवट ही सोने की सलाह दी जाती है. इससे गर्भ में बढ़ रहे बच्चे पर प्रेशर नहीं आता साथ ही गर्भवती महिला के पैरों में होने वाली सूजन में भी कमी आती है.

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