Frist Glass Bridge Uttarakhand: पिथौरागढ़ जनपद के बिर्थी फॉल में बनेगा ग्लास ब्रिज

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मुनस्यारी तहसील क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बिर्थी फॉल में बन रहा है कुमाऊं मंडल का पहला ग्लास ब्रिज, 22 फीट ऊपर खड़े होकर झरने को निहार सकेंगे पर्यटक….मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर राज्य का सीमांत जिला पिथौरागढ़ न केवल अपनी हसीन वादियों से देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बल्कि यहां स्थित अनेक पर्यटक स्थल चाहे वो खलियाटाप हो या फिर मुनस्यारी, इसके अतिरिक्त पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका मंदिर जैसे पवित्र धार्मिक स्थल, देश विदेश के लोगों को एक असीम शांति के साथ ही कुदरत के दीदार का सुनहरा अवसर भी प्रदान करते हैं।अब पिथौरागढ़ जिले की खूबसूरती में कुमाऊं मंडल का पहला ग्लास ब्रिज चार चांद लगाने जा रहा है। जी हां… कुमाऊं मंडल के पहले ग्लास पुल का निर्माण मुनस्यारी तहसील क्षेत्र के सुप्रसिद्ध बिर्थी फॉल में किया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

अब यहां आने वाले पर्यटक बिर्थी जलप्रपात को निहारने के साथ ही इस पुल का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सबसे खास बात तो यह है ग्रामीण निर्माण विभाग डीडीहाट द्वारा 125 लाख रुपये की लागत से बनाए जा रहे इस ग्लास ब्रिज का 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।इस संबंध में कार्यदाई संस्था आरडब्लूडी डीडीहाट के सहायक अभियंता रियासत अली ने बताया कि मुख्यमंत्री सीमांत विकास योजना के तहत इस ग्लास पुल का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका काम मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

उन्होंने बताया कि सबसे मुश्किल फाउंडेशन का काम पूरा कर लिया गया है ग्लास ब्रिज के निर्माण से अब पर्यटक पुल पर खड़े होकर भी 148 मीटर ऊंचे जलप्रपात से गिरने वाली पानी की लहर का दीदार करने के साथ ही उसकी ठंडक का एहसास भी कर सकेंगे। इतना ही नहीं पर्यटक ग्लास पुल के 22 फीट ऊंचाई पर स्थित डेक स्लैब से झरने को देख सकेंगे। बता दें कि यह डैक एक आरसीसी के अष्ठकोणीय ढांचे पर टिकी होगी।

 

 

 

 

 

 

 

 

अष्ठकोणीय ढांचे के अंदर ही ग्लास पुल पर जाने के लिए सीढ़ी भी बनाई जाएगी। डैक स्लैब के निर्माण के लिए जहां स्टील के आयातकार ट्यूब और 40 मजबूत ग्लास का प्रयोग किया जाएगा वहीं पुल की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आरसीसी के ऊपर एक डोम बनाया जाएगा। बताया गया है कि आरसीसी की कुल लंबाई जहां 42 फीट होगी। वहीं डेक स्लैब के सपोर्ट के लिए 25 सेमी व्यास के 18 पाइपों के साथ 40 एमएम व्यास की स्टील की रस्सी भी लगाई जाएंगी। बताते चलें कि यह देश के साथ ही उत्तराखंड का दूसरा ग्लास ब्रिज होगा।

 

 

 

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