उत्तराखंड में ड्रोन को मिलेगा बढ़ावा सभी जिलों में खुलेंगे स्कूल
उत्तराखंड सरकार प्रदेश में ड्रोन प्रौद्योगिकी को लगातार बढ़ावा देने की हरसंभव कोशिश में जुटी है। इसी कड़ी में प्रदेश के सभी जिलों में ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे।इन स्कूलों में प्रशिक्षुओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देने के साथ ही उनमें ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से संबंधित नई क्षमताएं विकसित की जाएंगी।
इससे प्रदेश को कुशल युवा ड्रोन पायलट व इंजीनियर मिल सकेंगे। इसके अलावा युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। उत्तराखंड में ड्रोन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए प्रदेश में ड्रोन एप्लिकेशन एवं रिसर्च सेंटर (डार्क) की स्थापना की गई है।
यह केंद्र ड्रोन उपयोग और अनुसंधान स्थापित करने, आर्ट ड्रोन के उपयोग, विमान रहित प्रौद्योगिकी की उन्नति और ड्रोन संचालकों को तकनीकी युक्त प्रशिक्षण कराने की व्यवस्था कर रहा है।डार्क के सहयोग से इस समय बहुत कार्य चल रहे हैं। इसके तहत राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए ड्रोन का प्रयोग किया जा रहा है। बीते वर्ष चार धाम यात्रा के संचालन में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
इसके परिणाम काफी अच्छे रहे। ड्रोन के जरिये प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ब्लड सैंपल एकत्र करने और दवाएं भेजने का कार्य सफलतापूर्वक किया जा चुका है।प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में भी ड्रोन से निगरानी समय-समय पर की जा रही है। शादी व अन्य समारोह में भी ड्रोन का उपयोग बढ़ने लगा है। अभी ड्रोन संचालन के लिए डार्क द्वारा विभिन्न विभागों के कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके बढ़ते उपयोग को देखते हुए इसमें रोजगार की बेहतर संभावनाएं जताई जा रही हैं।
प्रदेश सरकार ने अब सभी जिलों में ड्रोन स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। यह स्कूल सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में खोले जाएंगे। सरकार का मकसद मौजूदा पाठ्यक्रम शुल्क में सब्सिडी देकर नाममात्र शुल्क पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।
निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी विकास प्राधिकरण निकिता खंडेलवाल का कहना है कि प्रदेश की नई ड्रोन नीति बनाई जा रही है। उसमें इन सभी बातों को समाहित किया गया है।
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