मुख्यमंत्री का फैसला अब पावर ऑफ अटॉर्नी पर ये करना होगा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताया कि सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति को मान्यता दे दी गई है और उनकी उम्र सीमा 37 साल से बढ़ाकर 42 साल कर दी है।उन्होंने कहा कि पावर ऑफ अटॉर्नी ब्लड रिलेशन में ही दी जाएगी और यह मुफ्त होगी और रिश्तेदार बाहर से पावर अटॉर्नी देने पर दो फ़ीसदी फीस लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसजीपीसी एक्ट में गुरबाणी रिले का कोई जिक्र नहीं है 2012 में 11 साल के लिए पीटीसी ने गुरबाणी के प्रसारण के अधिकार खरीद लिए थे ।गुरबाणी के कारण लोगों को यह चैनल लगाना पड़ता है ।
जुलाई में यह समझौता रद्द हुआ है उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा मूवमेंट के दौरान मसलों से गुरुद्वारों को मुक्त करवाया गया था। अब गुरबाणी फ्री करवाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एसजीपीटी स्टेट एक्ट है। उन्होंने कहा कि 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एसजीपीसी की पीटीशन रद्द कर दी थी। गुरबाणी के प्रसार के लिए फ्री एयर किया जा रहा है ।उन्होंने पूछा कि पीटीसी पंथ है , क्या सुखबीर बादल यह स्पष्ट करें।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी की बोली लगाएंगे। उन्होंने कहा कि कानून बनाया जाएगा कि गुरबाणी प्रसारण के समय कोई भी विज्ञापन नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मर्जी के साथ ही जमीदारों को हटाया या लगाया जाता है।
गुरुद्वारा एक्ट में 125 धारा जोड़ी जाएगी यह भी संशोधन किया जाएगा कि गुरबाणी का व्यापारीकरण ना किया जाए एसजीपीसी या यकीनी बनाए कि गुरबाणी फ्री होगी उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा जुडिशल कमिशन के द्वारा यह फैसला लागू करवाया जाएगा।
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