नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान का किया उल्लंघन पर याचिका आज सुनवाई करेगा सुप्रिम कोर्ट
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्देश देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि कई विपक्षी दल पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कह चुके हैं।
यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने दाखिल की है, जनहित याचिका में कहा गया है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है।28 मई को सुबह एक बड़ा समारोह होने जा रहा है, जिसमें सुबह 7:30 बजे से शुरू होने वाली वैदिक विधि से की जाने वाली पूजा शामिल है।
यह पूजा सुबह 9 बजे तक चलेगी। हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी भी तरह की जानकारी सामने नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक उद्घाटन समारोह दोपहर करीब एक बजे शुरू होने की उम्मीद है। पूजा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति कुछ शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे।
समारोह के दौरान सेंट्रल हॉल में सेंगोल स्थापित किया जाएगा। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और भाषण देंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समापन भाषण देंगे।नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। जहां कांग्रेस ने नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं करवाए जाने को संविधान का अपमान बताया है वहीं अब कांग्रेस सहित 19 दलों ने उद्घाटन से दूरी भी बना ली है। कांग्रेस पार्टी सहित देश के 19 विपक्षी दलों ने नई संसद के उद्घाटन का बायकॉट करने का ऐलान किया है।
19 दलों द्वारा जारी किए गए ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया है कि जब लोकतंत्र की आत्मा को संसद से चूस लिया गया है तो हमें नई इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता।
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