सीबीआई से भाजपा की बड़ी दोस्ती है अंकिता का बलिदान हुआ, उस वीआईपी को खोजने का प्रकरण क्या सीबीआई को नहीं सौंपा जाएगा :-हरीश रावत
सीबीआई से भाजपा की बड़ी दोस्ती है :-हरीश रावत
कल रात एक #शादी_समारोह में एक बेटी मेरे पास आई और उसने मेरे साथ सेल्फी लेने की इच्छा व्यक्त की, मुझे वो अपनी बेटी और बहु जैसी लगी, बड़ा अच्छा लगा! तो मैं तत्परता से तैयार हो गया। और उसने सेल्फी खींचते-खींचते मुझसे कहा कि अंकल मुझे अंकिता के विषय में आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगी!
मैं एकदम चौंका और बोला अंकिता भंडारी तो बोली हां #अंकिता_भंडारी, उसने कहा जब से अंकिता भंडारी का मर्डर हुआ है, हम सब भी डरे हुए हैं क्योंकि मैं भी एक रिजॉर्ट में काम करती हूं, डर भी लगता है और थोड़ी झिझक भी, तब तक और लोग आ गए मैं उससे आगे बातचीत नहीं कर पाया। लेकिन उस बेटी के शब्दों ने मुझे बहुत चिंतित कर दिया है।
उत्तराखंड को एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि महिला सम्मान के किसी भी मामले को हम सर-माथे पर उठाते हैं और बहुत शक्ति से उठाते हैं, लेकिन धीरे-धीरे हम प्रकरण को भूल जाते हैं। मुज्जफरनगर में जो कुछ हमारी बहन-बेटियों ने झेला और आंदोलनकारियों को जो बलिदान देना पड़ा, उसकी सीबीआई के कोर्ट में केस चल रहा है।
हम में से कितने लोग हैं जो उस केस को फॉलो कर रहे हैं! हम अपने-अपने कामों में इतने व्यस्त हो गए हैं कि हम इस बात को भूल गए हैं कि उन्हीं के बलिदान के वजह से ही हम इस लायक बने हैं कि आज हमें विधायक जी, मंत्री जी जैसे और बड़े-बड़े संबोधनों से पुकारा जा रहा है।
अंकिता के प्रकरण में भी मेरा मन में भय पैदा हो गया है कि हम धीरे-धीरे इस प्रकरण को भी भूला देंगे और इसको केवल उसके माता-पिता व एकाध और उनके शुभचिंतक की लड़ाई मान कर छोड़ देंगे, आखिर वो #VIP कौन ? उत्तराखंड इतना भी दबाव नहीं बना पाया सत्ता के ऊपर कि सत्ता उस वीआईपी की खोज के लिए इस प्रकरण को सीबीआई को सौंपे और तो छोटे-छोटे कोई मामला है या नहीं है,
सीबीआई से भाजपा की बड़ी दोस्ती है और जो उत्तराखंड के स्वाभिमान का प्रश्न है कि #वह_VIP_कौन ? जिसके आतिथ्य के लिए अंकिता का बलिदान हुआ, उस वीआईपी को खोजने का प्रकरण क्या सीबीआई को नहीं सौंपा जाना चाहिए था? क्योंकि हम खूब गुस्से में आए, सड़कों पर निकले, लगा सारा उत्तराखंड क्रोधित है और धीरे-धीरे अब वह क्रोध हमने अपने मन में पी लिया है! लोकतंत्र के अंदर क्रोध को निरंतर सड़कों पर भी व्यक्त करना पड़ता है, प्रचार तंत्र के माध्यमों से भी व्यक्त करना पड़ता है, बातचीत में भी उठाना पड़ता है ।
#uttarakhand #Congress #BJP4UK
Pushkar Singh Dhami Indian National Congress Uttarakhand