अल्मोड़ा: पांच माह में तीन बार मेडिकल कॉलेज से चिकित्सकों का स्थानांतरण जनता के साथ भद्दा मजाक-बिट्टू कर्नाटक
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से विगत दिवस आठ विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थानान्तरण कर दिये जाते हैं और उनके बदले केवल चार प्रतिस्थानी चिकित्सक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भेजे जाते हैं जो यहां पहुंचते ही नहीं है यह अल्मोड़ा की जनता के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर भद्दा मजाक है और इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधि।यह कहना है उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक का।
🔹मेडिकल बन गया है मात्र एक सफेद हाथी
आज प्रेस को जारी एक बयान में पूर्व दर्जामंत्री बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि अल्मोड़ा का मेडिकल कॉलेज मात्र एक सफेद हाथी बनकर रह गया है।विगत पांच माह में तीन बार चिकित्सकों का स्थानांतरण करके जनता के साथ स्वास्थ सेवाओं के नाम पर लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि 90 फैकल्टी की जरूरत होने पर मात्र 60 फैकल्टी से मेडिकल कॉलेज अपनी गाड़ी खींचने का काम कर रहा है जो की काफी चिंताजनक है।उन्होंने कहा कि इसके दुष्परिणाम जहां आज मरीजों को झेलने पड़ रहे है वहीं मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में लगातार अव्यवस्थाओं का दौर जारी है। लेकिन जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि मौन धारण किये हुए हैं।विगत 5 माह में तीन बार ऐसा हो चुका है कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज से विशेषज्ञ चिकित्सकों के लगातार स्थानांतरण किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इन स्थानांतरण के विरोध में लगातार उनके द्वारा मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं सरकार से मांग की जाती आ रही है कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती अविलंब की जाए।इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भी उनके द्वारा पूर्व में आमरण अनशन, धरना प्रदर्शन जैसे आंदोलन किए गए , लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं प्रदेश सरकार के साथ ही अल्मोड़ा के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को जनता के स्वास्थ्य की रत्ती भर भी चिंता नहीं रह गई है , जिस कारण लगातार चिकित्सकों के स्थानांतरण होने पर भी अल्मोड़ा के जनप्रतिनिधि मौन है ,सरकार खामोश है, एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन मजबूर बना हुआ है।
🔹लंबे समय से दे रहे मेडिकल कॉलेज प्रशासन और सरकार को चेतावनी
उन्होंने कहा कि यहां उपचार के लिए आने वाले रोगी जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से बेहद परेशानियों से जूझ रहे हैं वहीं दूसरी ओर लगभग 200 से ज्यादा मेडिकल के छात्र छात्राएं का विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में पठन पाठन बाधित हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि सोचने वाली बात है कि यदि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक ही नहीं होंगे तो इस मेडिकल कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई का क्या हाल होगा।उन्होंने कहा कि वे एक लंबे समय से प्रदेश सरकार एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन को चेतावनी देते आ रहे हैं कि मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जाए एवं साथ ही मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाए जिससे कि अल्मोड़ा सहित रानीखेत, बागेश्वर, द्वाराहाट ,चौखुटिया,पिथौरागढ़, धारचूला आदि क्षेत्रों के मरीजों को भी यहां पर उपचार का लाभ मिल सके, किन्तु मेडिकल कॉलेज प्रशासन व्यवस्थाएं सुधारने के विपरीत चिकित्सकों के स्थानांतरण पर भी मौन धारण किए हुए बैठा है और यहां के जनप्रतिनिधि मौनी बाबा बने हुए हैं।
🔹आंदोलन के बिना नहीं होता यहां काम
उन्होंने कहा कि यदि 15 दिन के भीतर अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरूस्त नहीं होती है तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं प्रदेश सरकार के खिलाफ वे जनता को साथ लेकर उग्र आन्दोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि शायद अल्मोड़ा की परिपाटी बन चुकी है कि यहां जनहित की मांगों के लिए जब तक आंदोलन न किया जाए तब तक यहां का प्रशासन,अधिकारी नींद से नहीं जागते।