Almora News :जिला अस्पताल में लाखों की थायराइड जांच मशीन ताे उपलब्ध करा दी, मगर बन गई शाेपीस
अल्मोड़ा। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दावे परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं, जिसकी मार मरीजों को चुकानी पड़ रही है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि थायराइड की जांच करने के लिए लाखों की मशीन ने पहले बेस अस्पताल में जंक खाया।
जब यह मशीन जिला अस्पताल पहुंची तो एक महीने बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है और यह शोपीस बनी है। इन सब के बीच मरीज बदहाल व्यवस्थाओं की मार सहते हुए जांच के लिए निजी लैब के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
दरअसल बेस अस्पताल के लिए सालों पहले करीब 18 लाख रुपये से थायराइड जांच मशीन खरीदी गई थी। सालों तक इसका संचालन नहीं हुआ और यह मशीन करीब एक माह पूर्व जिला अस्पताल को दे दी गई। तब उम्मीद थी कि अब यहां थायराइड की जांच शुरू होगी और मरीजों को राहत मिलेगी। लेकिन यह शोपीस बनकर जिला अस्पताल की शोभा बढ़ा रही है।
जिला अस्पताल में हर रोज औसतन 15 से 20 मरीज ऐसे पहुंचते हैं, जिन्हें थायराइड जांच की जरूरत होती है। ऐसे में मरीजों को जांच के लिए निजी लैब की दौड़ लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
💠मशीन चलाने के लिए न प्रशिक्षित कमी, ना ही किट उपलब्ध
जिला अस्पताल में लाखों की थायराइड जांच मशीन को उपलब्ध करा दी गई। लेकिन इसके संचालन के लिए न तो प्रशिक्षित कर्मी हैं और ना ही रिजेंट और किट। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं इसके संचालन के लिए रिजेंट और किट दिल्ली से मंगाई गई है। यह सामग्री कब मिलेगी, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं है।
💠केस 1
नगर के नरेंद्र बिष्ट बीते शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे। चिकित्सकों ने उन्हें थायराइड जांच की सलाह दी। लेकिन अस्पताल में यह सुविधा न मिलने से उन्हें निजी लैब में ऊंची फीस देकर जांच करानी पड़ी।
💠2
नगर की हीरा देवी को चिकित्सकों ने थायराइड जांच की सलाह दी। इसके लिए वह जिला अस्पताल की लैब पहुंची। लेकिन वहां तैनात कर्मियों ने मशीन का संचालन न होने की बात कही। मजबूर होकर उन्हें निजी लैब में जांच करानी पड़ी।
मशीन के संचालन के लिए कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाना है। इसके लिए जरूरी रिजेंट और किट की मांग भेजी गई है, जिसके जल्द पहुंचने की उम्मीद है। जल्द ही जिला अस्पताल में मरीजों को थायराइड जांच की सुविधा मिलेगी। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का लगातार और गंभीरता से प्रयास हो रहा है। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा.