Almora News :गर्मी बढ़ते ही जल संस्थान के साथ ही लोगों की भी बढ़ने लगी चिंता,जल स्रोतों का जलस्तर 40 फीसदी से अधिक घटा

अल्मोड़ा। गर्मी बढ़ते ही जल संस्थान के साथ ही लोगों की चिंता भी बढ़ने लगी है। इस बार जाड़ों में पर्याप्त बारिश और बर्फबारी नहीं होने से जल स्रोतों का जलस्तर 40 फीसदी से अधिक घट गया है।
ऐसे में पेयजल योजनाओं से पानी की आपूर्ति भी घटने लगी है। इन हालात में गर्मियों में जिले के लोगों को पानी की परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
जिले की छह लाख से अधिक की आबादी की प्यास बुझाने के लिए 610 पेयजल योजनाएं संचालित हैं। जल संस्थान के मुताबिक इस बार जाड़ों में पर्याप्त बारिश और बर्फबारी न होने से प्रचंड गर्मी से पहले ही जल स्रोतों और पेयजल योजनाओं में 40 फीसदी पानी घट गया है। इन योजनाओं के जलस्तर घटने का सिलसिला लगातार जारी है। जिले में लगातार गर्मी बढ़ रही है और योजनाओं से पानी की आपूर्ति घटने से जल संस्थान चिंतित है। विभाग का मानना है कि गर्मी बढ़ी तो जल स्रोतों के घटते जलस्तर से जिलेभर के लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। संस्थान के मुताबिक जल संकट से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। पानी की आपूर्ति करने के लिए टिप्पर, पिकअप वाहनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया है।
💠जल स्रोतों के टेप होने से बढ़ सकती है दिक्कत
अल्मोड़ा। जल जीवन मिशन योजना के तहत दो सालों में जिले में 150 से अधिक नई पेयजल योजनाओं का निर्माण किया गया है। इन योजनाओं में पानी की आपूर्ति करने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों को टेप कर दिया गया। गर्मी में जल संकट गहराने पर क्षेत्र के लोग इन जल स्रोतों से अपनी प्यास बुझाते थे। ऐसे में इन स्रोतों के टेप होने से गर्मियों में लोगों को दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।
💠जल संस्थान के पास सिर्फ पांच टैंकर
अल्मोड़ा। जल संस्थान के पास सिर्फ पांच टैंकर हैं। गर्मियों में जल संकट गहराने के बाद इनकी संख्या कम पड़ती है। बीते वर्ष गर्मियों में जल संकट गहराने के बाद जल संस्थान ने टैंकर, टिप्पर और पिकअप वाहनों के जरिए लोगों को पानी बांटा। 60 से अधिक वाहनों का अधिग्रहण पानी बांटने के लिए करना पड़ा।
जल स्रोतों का जलस्तर काफी घट गया है। गर्मियों में लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए पूरी तैयारी है। टिप्पर, पिकअप वाहनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल संस्थान लोगों को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए गंभीर है।
-अरुण कुमार सोनी, ईई, जल संस्थान, अल्मोड़ा।