Almora News:वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए बागेश्वर वन प्रभाग से 58 सदस्यीय दल कल पहुंचा शीतलाखेत

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वनाग्नि प्रबंधन के स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए बागेश्वर वन प्रभाग से 58 सदस्यीय दल कल शीतलाखेत पहुंचा.दल को वनाग्नि से सुरक्षित और ए एन आर पद्धति से विकसित वन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया और शाम को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव जीवन में जंगलों के महत्व, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक ताप वृद्धि रोकने में जंगलों की महत्वपूर्ण भूमिका,ओण दिवस, फायर पट्टी, आदि की जानकारी दी गई. इसके साथ ही स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल के अध्ययन के लिए पिछले 45 दिनों  से चल रहे अध्ययन कार्यक्रम का समापन भी हो गया. 

समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा श्री दीपक सिंह द्वारा बताया गया कि वनाग्नि से  जल स्रोतों, जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र को हो रही अपूर्णनीय हानि को रोकने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा उत्तराखंड के जंगलों को वनाग्नि से सुरक्षित रखने हेतु जारी दिशानिर्देशों के क्रम में उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जिलों से 25 अध्ययन दलों में शामिल 1100  वन कर्मियों, वन पंचायत सरपंचों,महिला मंगल दल सदस्यों द्वारा स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र का भ्रमण किया गया जंगलों की आग के प्रबंधन में वन विभाग को नियमित रूप से सहयोग दे रही नौला, भाकङ, धामस, रौन, डाल, सल्ला रौतेला, स्याहीदेवी,शीतलाखेत ,खरकिया, मटीला, पड्यूला, बरसीला और गङसारी  की महिलाओं से मुलाकात कर वनाग्नि प्रबंधन के बारे में  जानकारी प्राप्त की. उन्होने विश्वास व्यक्त किया कि जिस तरह क्षेत्रीय जनता, गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर वन विभाग ने स्याहीदेवी-शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में  वनाग्नि प्रबंधन में उल्लेखनीय काम किया है  इस अध्ययन कार्यक्रम के बाद ऐसा ही कार्य पूरे प्रदेश में दोहराया जायेगा जिससे राज्य की बेशकीमती वन संपदा को बचाने में मदद मिलेगी. 

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए निहिर हिमालयन पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष श्री आर डी जोशी ने अध्ययन कार्यक्रम की सफलता पर खुशी व्यक्त की और आशा जताई की जन और तंत्र के परस्पर सहयोग और तालमेल से विकसित स्याहीदेवी-शीतलाखेत मॉडल उत्तराखंड के जंगलों को आग से सुरक्षित रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. समापन समारोह में  नन्हे बच्चों द्वारा स्वागत गीत और  पर्यावरण पर आधारित नाटक प्रस्तुत किए जिसकी बहुत प्रशंसा की गई. 

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कार्यक्रम में वन क्षेत्राधिकारी श्री मोहन राम आर्या, जंगल के दोस्त समिति के सलाहकार श्री गजेंद्र कुमार पाठक, श्री नरेंद्र सिंह, स्याहीदेवी विकास मंच के सचिव श्री गणेश पाठक ,उप वन क्षेत्राधिकारी श्री हेम चंद्र, सरपंच श्री पंकज पाठक, श्रीमती विभु कृष्णा, वन दरोगा श्री देवेन्द्र प्रसाद, वन बीट अधिकारी श्री दीवान सिंह, ,श्री प्रकाश चंद्र, श्रीमती गंगा भंडारी, श्रीमती पुष्पा पाठक, श्रीमती गीता बिष्ट, श्रीमती शांति जोशी, श्रीमती गीता परिहार, श्रीमती कल्पना पाठक, श्रीमती प्रिया पाठक, श्रीमती भावना पाठक, श्री राजेन्द्र सिंह, श्री प्रताप सिंह, श्री हेम पाठक, श्री संजय शाह, श्री सुरेन्द्र जनोटी, श्रीमती भावना पाठक,  श्री रमेश सिंह ,श्री पूरन सिंह, श्री भुवन सिंह, श्री तनुज वैद्य आदि उपस्थित रहे.

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