बस में मुफ्त यात्रा करने वालों के लिए नई सुविधा, अब पास न होने पर भी इस तरह कर सकेंगे सफर

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राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजना के तहत विभिन्न श्रेणी में मुफ्त यात्रा की सुविधा दे रहे उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में अब मोबाइल पर दिखाया गया पहचान-पत्र व पास भी मान्य होगा। 

निगम मुख्यालय को शिकायत मिली है कि बसों में परिचालक मोबाइल पर दिखाए गए पहचान-पत्र और पास के आधार पर मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से मना कर रहे। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि डिजीलाकर में रखा गया पहचान-पत्र व पास भी मान्य होगा। 

इस संबंध में आदेश जारी 

निगम के महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन की ओर से शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए। साथ ही चेतावनी दी गई कि इसके बाद भी अगर कोई परिचालक किसी यात्री को प्राप्त मुफ्त यात्रा की सुविधा देने से मना करता है तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

बता दें कि जनकल्याणकारी योजना के तहत निगम की साधारण बसों में छात्राओं, 65 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागिरकों, 60 वर्ष से ऊपर की महिलाओं, राज्य आंदोलनकारियों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित, दिव्यांगजन, सैन्य पदक विजेताओं आदि को मुफ्त यात्रा का प्रविधान है। 

इनके अतिरिक्त सांसद, पूर्व सांसद, विधायक व पूर्व विधायकों को अपने एक सहयोगी के संग सभी श्रेणी की बसों में मुफ्त यात्रा का प्रविधान भी है। इनमें केवल छात्राओं के लिए पास बनाने की बाध्यता है, जबकि शेष सभी श्रेणी में पहचान-पत्र के आधार पर मुफ्त यात्रा कराई जाती है। अब चूंकि, अधिकतर लोग अपना पहचान-पत्र मोबाइल की गैलरी या डिजीलाकर में सुरक्षित रखते हैं, ऐसे में बसों में वह मोबाइल पर पहचान-पत्र दिखाते हैं। 

परिचालक उनसे वास्तविक पहचान-पत्र मांगते हैं और मुफ्त यात्रा कराने से मना कर देते हैं। यही शिकायत बीते दिनों छात्राओं के साथ भी सामने आई थी। निगम प्रबंधन छात्राओं को आनलाइन पास जारी कर रहा। जब छात्राएं मोबाइल पर यह पास दिखाती थी तो परिचालक मना कर देते थे। 

इन मामलों का संज्ञान लेकर निगम प्रबंधन ने आदेश दिया है कि मोबाइल या डिजीलाकर में दिखाए गए पहचान-पत्र व पास मुफ्त यात्रा के लिए मान्य होंगे। सभी मंडल व डिपो प्रबंधकों को इस संबंध में आदेश दिए गए हैं कि वह परिचालकों को इससे अवगत करा दें।

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