पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैण में की तालाबंदी की और कही ये बात सुनिये

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ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण की उपेक्षा किये जाने आए नाराज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज गैरसैंण पहुचकर कर कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ तहसील कार्यालय में तीन घण्टे तक धरना दिया और उपजिलाधिकारी कार्यालय में सांकेतिक तालेबंदी की ,

 

 

उन्होंने कहा कि जो सरकार गैरसैंण में दो सालों से एसडीएम और तहशीलदार नही बैठा पा रही है उससे राजधानी की क्या उम्मीद की जा सकती है । इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल भी मौजूद थे।

 

 

 

आंदोलनकारियों की जनभावनाओं का केंद्र गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के वावजूद आज भी गैर होता जा रहा है । भराड़ीसैंण को तत्कालीन त्रिवेंद्र रावत सरकार के दौरान ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया था जिसके बाद आज तक सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी की ओर एक भी कदम नही बढ़ा पाई है ।

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इसी बात से नाराज होकर आज पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण पहुचे , उनके गैरसैंण पहुचने के बाद कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत के पक्ष में नारेबाजी करते हुए उनका जोरदार स्वागत किया , हरीश रावत ने कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर गैरसैंण तहशील कार्यालय में तीन घण्टे तक धरना दिया , भाजपा पर निशाना साधते हुए हरीश रावत ने कहा कि आज भाजपा ग्रीष्मकालीन राजधानी की ओर एक कदम भी आगे नही बढ़ा पाई है यह उत्तराखण्डियत का अपमान है । राज्यान्दोलनकारियो का अपमान है ।

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मौजूदा सरकार के दौरान दो सालों से गैरसैंण तहशील में एसडीएम और तहशीलदार नही है । तो इनसे राजधानी की उम्मीद कैसै की जा सकती है । पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार भराड़ीसैंण को लेकर बारबार कहती है कि वहां ठंड है । लेकिन मैंने भी संकल्प ले लिया है कि जब भराड़ीसैंण में बर्फवारी होगी तो मैं वहां सांकेतिक रूप से धरना देने जाऊंगा ।

 

 

 

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